आप ने पार्टी के 20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द किये जाने का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ते हुये दिल्ली की 20 सीटों पर उपचुनाव को ही अब एकमात्र विकल्प बताया है। आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज जनता के नाम ‘खुला पत्र’ लिखकर इस प्रकरण पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया। सिसोदिया ने अब जनता की अदालत में जाने का संकेत देते हुये कहा, ”आज इस खुले पत्र के माध्यम से मैं आपसे सीधे बात करना चाहता हूं। मन दुखी है। पर निराश नहीं हूं। क्योंकि मुझे आप पर भरोसा है।”
सिसोदिया ने इन विधायकों के लाभ के पद पर न होने की दलीलें देते हुये केन्द्र सरकार पर चुनाव आयोग के माध्यम से इन्हें बर्खास्त कराने का आरोप लगाया। विधायकों को उनका पक्ष रखने का मौका नहीं दिए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा ”चुनाव आयोग ने इन्हें 23 जून को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें सुनवाई के लिए तारीख दी जाएगी। उसके बाद भी इन्हें तारीख नहीं मिली और सीधे केंद्र सरकार ने आप के 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया।”
सिसोदिया कहा कि यह केंद्र सरकार का जनता के साथ घोर अन्याय है, क्योंकि जनता द्वारा चुने हुए 20 विधायकों को बिना सुनवाई के मनमाने ढंग से बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को तंग करने के लिये केन्द्र सरकार ने आप के 18 विधायकों को झूठे मुक़दमों गिरफ़्तार कराया, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीबीआई की छापेमारी कराई, आप के विधायकों को ख़रीदने की कोशिश की, उपराज्यपाल के मार्फत भी सरकार के कामों में अड़चन पैदा कराई, लेकिन कामयाबी नहीं मिलने पर अब 20 विधायकों को बर्खास्त करा दिया।
सिसोदिया ने 20 विधायकों की बर्खास्तगी को लेकर केन्द्र सरकार पर दिल्ली में फिर से चुनाव थोपने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘अब आचार संहिता लग जाएगी और दिल्ली में सारा सरकारी काम रुक जाएगा। उपचुनाव के बाद लोकसभा चुनाव आ जाएँगे और आचार संहिता लग जाएगी, तब फिर सारा सरकारी काम रुक जाएगा और उसके बाद विधानसभा चुनाव आ जायेंगे।”
सिसोदिया ने इस मुद्दे पर अब जनता की अदालत में जाने का संकेत देते हुये कहा ”20 सीटों पर चुनाव थोपकर भाजपा ने अगले दो साल तक दिल्ली में विकास कार्य रोक दिए हैं। उपचुनाव में जनता का पैसा फिजूल में खर्च होगा।” सिसोदिया ने विधायकों की बर्खास्तगी को गैरकानूनी बताते हुये जनता से पूछा ”क्या यह गंदी राजनीति नहीं है, क्या दिल्ली को इस तरह चुनाव में धकेलना और विकास कार्यों को दो साल तक ठप करना सही है। मुझे आपसे ही उम्मीद है। आप जरूर इसका सही और असरदार जवाब देंगे।”
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