आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग समेत विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दसवें दिन भी बाधित रही और तीन नए सदस्यों को शपथ दिलाने एवं दिवंगत तीन पूर्व सदस्यों तथा सुकमा नक्सली हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के कारण सदन में आज भी प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सके। प्रश्नकाल शुरू कराने का प्रयास किया लेकिन पिछले दिनों की तरह ही तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आसन के समीप आ गए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य भी अपने राज्य में आरक्षण संबंधी मांग उठाने लगे। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव को अखबार की खबर की प्रति लहराते हुए देखा गया।
हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। गुरुवार को भी दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ, जिसकी वजह से कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। खास तौर से राज्यसभा में जमकर विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले टीडीपी नेता वाईएस चौधरी के बयान पर कांग्रेस के साथ तीखी बहस देखने को मिली।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद सदन के नियम 241 के अनुसार चौधरी सदन को यह बताने के लिए खड़े हुए कि उन्होंने सरकार से इस्तीफा क्यों दिया। हालांकि चौधरी ने अपने लिखित संबोधन से इतर यूपीए सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश का विभाजन करने को अन्यायपूर्ण, जल्दबाजी में उठाया गया और अनैतिक फैसला बताया और इस पर ही कांग्रेस ने हंगामा खड़ा कर दिया जिसके बाद कार्यवाही को स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा।
वहीं टीडीपी के अलावा एआएडीएमके के सांसद भी कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन को लेकर संसद भवन में लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। पीएनबी घोटाले को लेकर भी विपक्ष का हंगामा जारी है।
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