नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में जमानत मिलने के बावजूद बंद कैदियों को लेकर आप सरकार से जवाब तलब किया। इस मामले में कोर्ट ने तिहाड़ के पूर्व महानिदेशक सुधीर यादव को न्यायमित्र (एमिकस क्यूरी) की भूमिका में रहने के लिए कहा है। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें कहा गया कि इस वक्त तिहाड़ जेल में 300 से ज्यादा ऐसे कैदी है जो जमानत होने के बावजूद कई महीनों से जेल में रहने को मजबूर हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास अपनी जमानत भरने के लिए न तो पैसे हैं न ही कोई जमानतदार। इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और सी हरिशंकर की बेंच ने आप सरकार से इस मामले में 24 घंटों के अंदर रिप्लाई करने को कहा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि सरकार एक लिस्ट बनाकर दे कि ऐसे कैदियों की संख्या कितनी है वो किस-किस मामलों में जेल में बंद है, कितने समय से बंद है और कब उनको जमानत दी गई आखिरकार किस वजह से जमानत मिलने के बाद भी वो जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कहने के बाद भी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही जिसमे जमानत भरने में अगर कोई दिक्कत सामने आती है तो जमानत की शर्तों को और आसान कर दिया जाए। इन कैदियों में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिनकी तरफ से कोई जमानत भरने वाला नहीं है। ऐसी सूरत में उनके खुद के पर्सनल बॉन्ड पर जमानत पर रिहा किया जा सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 दिसंबर को होगी।
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