नई दिल्ली : दिल्ली के बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज को लेकर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्यों बार-बार इसको बनाने की मियाद बढ़ाई जा रही है क्या वजह है कि इस कार्य में लगातार देरी हो रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से सभी जिम्मेदार पक्षों की एक मीटिंग कर मामले का हल ढूंढने के लिए कहा है। हाईकोर्ट की मुख्य बेंच का ये निर्देश वकील प्रतिभा चोपड़ा की जनहित याचिका पर आया। प्रतिभा ने अपनी याचिका में कहा है कि साल 2011 के बाद से लगातार इसको बनाने की समय सीमा पिछड़ती जा रही है और न सिर्फ समय ज्यादा लग रहा है बल्कि इससे जो इसका बजट है वो भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
अदालत में इस बात की भी जानकारी दी गयी जब 2004 में सिग्नेचर ब्रिज बनाने का समझौता किया गया था तब इसका बजट 544 करोड़ था। जो नवंबर 2017 तक बढ़ कर 1575 करोड़ तक तक पहुंच गयी है। जिसमें से 1334 करोड़ खर्च किये जा चुके हैं लेकिन अभी तक इसके पूरा होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही। जिसके बाद कूएत को जानकारी दी गयी कि जो बचे हुए 250 करोड़ हैं व अगर समय पर दिए गए तो पुल इस साल जून तक बन कर तैयार हो जाएगा।
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