आखिर जिस डोकलाम को लेकर भारत और चीन में शांति की आपसी सहमति बन चुकी थी भारत ने गुरुवार को कहा कि डोकलाम में यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है जहां पिछले साल करीब दो महीने तक भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध की स्थित बनी रही। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस तरह की धारणाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हमारा ध्यान कुछ खबरों की ओर गया है जो डोकलाम में हालात के संबंध में सरकार की ओर से बताई गई स्थिति की सटीकता पर सवाल खड़ा करती हैं।
उन्होंने कहा कि गतिरोध वाली जगह पर यथास्थिति में किसी तरह के बदलाव के बारे में बार-बार पूछे गये सवालों के जवाब में सरकार कह चुकी है कि इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है। कुमार ने कहा, ‘‘सरकार एक बात फिर दोहराती है कि गतिरोध स्थल पर यथास्थिति में बदलाव नहीं किया गया। इसके विपरीत कोई भी धारणा गलत और शरारतपूर्ण है।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान इस तरह की खबरों की पृष्ठभूमि में आये हैं कि चीन विवादित क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सामरिक हितों को लेकर समझौते का आरोप लगाया और कहा कि जब चीन डोकलाम में नयी सैन्य गतिविधियों के जरिए कथित तौर पर कब्जा कर रहा था तो मोदी सरकार आंखें मूंदे हुए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उपग्रह से ली गई तस्वीरों और मीडिया की खबरों से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक हितों से समझौता किया जा रहा ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब चीन डोकलाम के पठार पर कब्जा कर रहा था तो मोदी सरकार आंखे मूंदे हुए थी।’’ प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘चुनावी बयानबाजी में महारत रखने वाले मोदी जी हमारे देश की सीमाओं की पूरी तरह सुरक्षा में पूर्णत: विफल रहे।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से कहा है कि डोकलाम पर कोई राजनीतिक नजरिया नहीं हो सकता और इसे सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय हित से जोड़कर देखना चाहिए।
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