स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक : राम माधव - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक : राम माधव

NULL

नई दिल्ली: आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेनी की जरूरत है। अगर आपको भारत को जानना है तो विवेकानंद को पढ़ें ताकि भारत की संस्कृति को सही से जान सकें। यह बात दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित सीपीडीएचई के रिफ्रेशर कोर्स के अंतर्गत शिक्षकों को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव ने कही। स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन पर बातचीत करते हुए राम माधव ने कहा कि देश भक्ति और स्वाभिमान भारत के युवाओं के लिए सबसे आवश्यक चीज है। उन्होंने गुलामी के दौर को याद करते हुए कहा कि उस समय भारत के स्वाभिमान को सुनियोजित तरीके से औपनिवेशिक सत्ता द्वारा कुचला जा रहा था।उन्होंने उसका प्रतिकार करने के लिए युवाओं की चेतना को जगाने का प्रयास किया।

उन्होंने देश भक्ति के तीन स्तरों का जिक्र किया। पहले स्तर पर देश के गरीबों, मजलूमों, शोषितों, पीड़ितों, दलितों और पिछड़ों की स्थिति के प्रति संवेदनशील होना, दूसरा स्तर उनकी इस स्थिति को दूर करने की चिंता करना और तीसरे स्तर पर संकल्प के साथ उनकी अवस्था को सुधारने के लिए कर्मरत होना। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की तरह समाज और राष्ट्र का भी अपना प्रारब्ध होता है।भारत दूसरे देशों से इसी मायने में अलग है कि इसे विश्व को नया संदेश देना है। उन्होंने विश्व जगत में भारत के अनोखेपन को चिन्हित करते हुए अल्लामा इकबाल को याद किया, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। संस्थान की निदेशक प्रो. गीता सिंह स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि आज विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है।

उन्होंने भारत भर से आए शिक्षकों को आह्वान किया कि अपने लिए जीवन जीने की बजाय समाज और देश के लिए जीया जाए। सशक्त और सक्षम भारत के निर्माण के लिए शिक्षकों को निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा लग जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद के साथ-साथ अम्बेडकर के विचारों की भी जरूरत है। प्रो. सिंह ने कहा कि हमें भारत को जानने के लिए विवेकानंद को आज के संदर्भ में फिर से पढ़ना होगा, नई पीढ़ी में उनके विचारों को फैलाना होगा। कार्यक्रम में डीटीयू के वाइस चांसलर प्रो. योगेश कुमार सिंह प्रो. राजबीर सिंह व एन नरसिंह मलू ने भी अपने विचार रखे।अंत में संस्थान की निदेशक प्रो गीता सिंह ने राम माधव को स्वामी विवेकानंद जी का चित्र भेंट किया। अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 + nineteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।