नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में कुल पांच आरोपी थे जिनमें से दो को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एक बेंच निचली अदालत से दोषी ठहराए गए पांच आरोपियों की अपील पर सुनवाई करते हुए फैसले के समय दोनों जज में मतभेद थे। जिसके बाद मामले को तीसरे न्यायाधीश के ओपिनियन के लिए भेजा गया। न्यायधीश संजीव खन्ना ने कहा कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के दोनों न्यायधीशों की राय का अंतर मुख्य रूप से चश्मदीद द्वारा अपराधी की पहचान के सवाल पर और कुछ अन्य पहलुओं पर था।
जिसके बाद न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने पांच आरोपियों, सुशील अरोरा, राजेश पांडेय, हेमंत गर्ग, विष्णु और सोनवीर को बरी करने पर विचार किया था। जबकि न्यायमूर्ति आरके गाबा ने पांचों को दोषी माना था। जब दोनों न्यायधीशों में फैसले को लेकर मतभेद थे तो मामले को तीसरे न्यायधीश के विचार के लिए भेजा गया। जिसके बाद जस्टिस खन्ना ने 2 आरोपियों सुशील अरोरा और राजेश पांडेय को बरी कर दिया जबकि बाकी तीन आरोपी, हेमंत गर्ग, विष्णु और सोनवीर को दोषी ठहराया। गौरतलब है कि 22 फरवरी 2009 को एक इंडिका कार में कुछ लोग काले रंग की सैट्रो कार का पीछा कर रहे थे।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।