नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि हमारा विश्वास है कि राजनीति एवं प्रशासकीय कार्य में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है पर पिछले कुछ दिनों में जो घटनाक्रम दिल्ली में देखा गया है कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दिल्ली के मुख्य सचिव पर हमला किया गया और उसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने बजाय दोषी विधायकों पर कार्रवाई करने के राजनीतिक लीपापोती करने का प्रयास किया है, उसने सबको स्तब्द्ध किया है।
मनोज तिवारी ने कहा है कि बात अगर मुख्य सचिव के साथ हुई हिंसा तक सीमित रहती तो यह कहा जा सकता था कि यह घटना अचानक हुई होगी पर जिस तरह मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विधायक नरेश बाल्यान ने विधायकों की बात न मानने वाले अधिकारियों पर हिंसा का आह्वान किया और मुख्यमंत्री मूक दर्शक बने रहे उससे यह लगता है कि इस सब हिंसा के खेल को उनकी स्वीकृति है।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विधायकों द्वारा मुख्य सचिव पर हमला और दो दिन बाद एक विधायक द्वारा फिर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अधिकारियों के साथ मारपीट के आह्वान पर मुख्यमंत्री की चुप्पी यह प्रमाणित करती है कि इस प्रशासकीय कार्य में हिंसा को उनकी स्वीकृति प्राप्त है और इसी संदर्भ में भाजपा उनसे पांच प्रश्न करती है।
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