पटना : पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव द्वारा केन्द्रीय रेल मंत्री पीयुष गोयल से मुलाकात करके पथ निर्माण के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया । इस क्रम में राज्य में 47 जगहों पर नये आरओबी बनाने की योजना पर चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि इन स्थानों पर आरओबी बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत राशि अपने संसाधनों से खर्च करने की सहमति प्रदान कर दी है।
राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से यह अनुरोध किया गया है कि आरओबी का डीपीआर बनाने एवं निर्माण का काम एक ही एजेंसी द्वारा किया जाय। यह भी अनुरोध किया गया है कि आरओबी का पहुंच पथ भी उसमें शामिल किया जाय। राज्य सरकार द्वारा आईआर-कॉन से कार्य कराने हेतु निर्णय लिया गया है ।
बैठक में केन्द्रीय रेल मंत्री द्वारा इस पर सहमति प्रदान कर दी गई है एवं रेल विभाग के पदाधिकारियों को 38 आरओबी का डीपीआर बनाने का काम में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं । उल्लेखनीय है कि 47 में से 8 स्थानों पर आरओबी का कार्य प्रारंभ हो गया है, एक स्थान पर टेंडर हो गया है एवं शेष 38 स्थानों पर निर्माण के लिए डीपीआर बनाना है। केन्द्रीय रेल मंत्री के इस निर्णय के फलस्वरूप राज्य में आरओबी के निर्माण में अत्यधिक गति मिल पायेगी।
पथ निर्माण विभाग का यह प्रयास है कि राष्ट्रीय उच्च पथों, राज्य उच्च पथों एवं पथ निर्माण विभाग की अन्य सड़कों पर जहां रेलवे गुमटी पर यातायात अधिक है उन स्थानों पर आरओबी का निर्माण का अनुरोध किया गया है। इसी क्रम में दीघा घाट से पटना स्टेशन, पटना साहिब से पटना घाट तक पुराने रेलवे लाईन की भूमि को फोर लेन पथ निर्माण के लिए राज्य सरकार को देने के बिन्दु पर चर्चा हुई, सैद्वांतिक रूप से भारत सरकार इस पर सहमत है ।
रेल मंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि वे राज्य सरकार से विचार-विमर्श करके नया प्रस्ताव बनावे ताकि जल्द से जल्द यह भूमि उचित शर्तों पर राज्य सरकार को दिया जा सके। केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार दोनों इसमें मिलकर अग्रेत्तर कार्रवाई कर रही है। निकट भविष्य में इसका निराकरण किया जायेगा। ताकि दीघा घाट से पटना स्टेशन एवं पटना स्टेशन से पटना साहिब तक फोर लेन पथ निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो सके।
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