बीजिंग : भारत चीन सीमा पर तनातनी बनी हुई है । सिक्किम में चीन और भारत के बीच चल रहा डोकलाम गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है । भारत और चीन की सेना के बीच विवाद जारी है । बता दे की वही चीन ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की उम्मीदों को करारा झटका देते हुए आज कहा कि डोकलाम में गतिरोध का एकमात्र तरीका यह है कि भारत बिना किसी शर्त के उस इलाके से अपने सैनिकों को हटाए। राजनाथ ने कल उम्मीद जताई थी कि डोकलाम के मामले पर चीन जल्द ही सकारात्मक कदम उठाएगा।
गृह मंत्री राजनाथ ने उम्मीद जताई थी कि डोकलाम गतिरोध का हल जल्द निकलेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया और न ही कभी विस्तारवादी रुख अपनाया। अपने एक संबोधन में उन्होंने यह उम्मीद भी जताई थी कि चीन डोकलाम गतिरोध को सुलझाने के लिए सकारात्मक पहल करेगा।
हालांकि, चीन ने आज जवाबी हमला करते हुए अपना आरोप दोहराया कि भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से सीमा पार की थी। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि डोकलाम इलाके में चीन की ओर से सड़क बनाए जाने की गतिविधि रोकने के लिए भारत की ओर से बताए गए कारण हास्यास्पद हैं।
हुआ ने पत्रकारों को बताया कि ऐसे में इस घटना को सुलझाने की एकमात्र पूर्व शर्त यह है कि बिना किसी शर्त के भारतीय सेना और साजो-सामान को हटाया जाए। सिक्किम सेक्टर के पास डोकलाम में दो महीने से ज्यादा समय से भारत और चीन के बीच गतिरोध कायम है। तनातनी की यह स्थिति उस वक्त शुरू हुई जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को वह सड़क बनाने से रोका, जिसके बारे में भारत का मानना है कि उसके बन जाने से चीन भारतीय पूर्वाेथर राज्यों से भारत का संपर्क काटने में सफल हो सकता है।
भूटान ने कहा कि डोकलाम उसका इलाका है, जबकि इस इलाके पर चीन अपनी संप्रभुता का दावा करता है। इस गतिरोध पर चीन की मीडिया में कई आक्रामक लेख सामने आए हैं और एक वीडियो भी जारी किया जा चुका है, जिसमें भारतीय को नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है।
बीते 15 अगस्त को एक अलग घटना में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख क्षेत्र में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें पत्थरबाजी भी हुई थी। इस घटना में दोनों पक्षों के सैनिकों को मामूली चोटें आई थीं।
हुआ ने कहा कि चीन शांतिप्रेमी है और शांति बनाए रखता है। लेकिन हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता की भी रक्षा करेंगे। हम किसी देश या किसी व्यक्ति को चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करने देंगे।