नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक चार्टड अकाउंटेंट (सीए) को 8,000 करोड़ रुपये के एक धनशोधन रैकेट मामले की जांच के संबंध में गिरफ्तार किया है। इस मामले में दिल्ली के दो भाई भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया सीए राजेश अग्रवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम प्रावधान (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है। अग्रवाल को आज अदालत के सामने पेश किया जाएगा। अग्रवाल ने कथित तौर पर कई हाई-प्रोफाइल लोगों को धनशोधन के लिए मदद दी। इसमें राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार के खिलाफ 1000 करोड़ के जमीन मामले में आयकर विभाग से हो रही जांच भी शामिल है।
सीए जैन ब्रदर्स विरेंद्र और सुरेंद्र मामले में भी शामिल
अधिकारियों ने बताया कि सीए कथित तौर पर जैन ब्रदर्स विरेंद्र और सुरेंद्र मामले में भी शामिल था। यह 8,000 करोड़ रूपये का धनशोधन रैकेट कथित तौर पर शेल (मुखौटा) फर्म के माध्यम से चलाया जा रहा था। जैसे ही एजेंसी को अग्रवाल की कस्टडी मिलती है, वैसे ही वह इन सभी डील्स और संबंधित लोगों के बारे में उनसे विस्तार से पूछताछ करेगी।
निदेशालय ने पिछले सप्ताह जैन बंधुओं के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। निदेशालय ने इस मामले में 90 शेल फर्म की पहचान की है। इनमें से 26 की पहचान 62.20 करोड़ रुपये के कथित धनशोधन में किया गया है। शेल कंपनिया वैसी फर्म होती है जो मामूली पूंजी से बनाई जाती है, इनकी अधिशेष और आरक्षित राशि ऊंची होती है। यह कंपनियां ज्यादातर गैर सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करती है। इनमें लाभांश आय नहीं दिखाई जाती है और न ही उनके पास कोई नकदी दिखाई जाती है। निदेशालय को संदेह है कि यह पूरा रैकेट 8,000 करोड़ रूपये का है।