गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फैसला आने के बाद संसद में भी हंगामा हुआ। घोटाले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है जानकारी के अनुसार, ED की ओर से कहा गया है कि वह अभी इस फैसले की कॉपी को पढ़ेंगे। इसके बाद हाईकोर्ट के पास इस मामले को ले जाएंगे।
सूत्रों की मानें, ईडी अभी इस फैसले में देखना चाहता है कि क्या उसका तर्क इसलिए रद्द किया गया कि सीबीआई का तर्क गलत था। या फिर इसके पीछे कोई और भी मामला है। बता दें कि देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक माने जाने वाले 2जी घोटाले में आज कोर्ट का फैसला आया है। फैसला आने के बाद से ही संसद में हंगामा मचा हुआ है।
क्या था 2जी घोटाला, साल 2010 में सीएजी (महालेखाकार और नियंत्रक) की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में साल 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल किए गए थे। रिपोर्ट में बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की गई, बल्कि इसे कंपनियों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर बांटा गया था। इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
2 सीबीआई की पटियाला हाऊस स्थित विशेष अदालत ने आज 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने 2010 के इस मामले पर अपना निर्णय देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा।
इस मामले में राजा एवं कई अन्य आरोपी थे। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले को 1,76,000 करोड़ रुपए का बताया गया था। हालांकि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में करीब 31,000 करोड़ रुपए के घोटाले का उल्लेख किया था। 2014 के आम चुनाव में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन बड़ा मुद्दा बना था।
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