रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के चुनावी बजट में गांव, गरीब और किसानों की तरक्की के साथ अधोसंरचना पर भी सरकार का फोकस नजर आ रहा है। रमन सरकार की नीति छत्तीसगढ़ को लाजिस्टिक हब के तौर पर विकसित करने की है। शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना के लिए सरकार ने बजट में नई घोषणाओं के साथ प्रावधान करते हुए बड़ा दांव खेला है। सूत्र दावा करते हैं कि इस मामले में भविष्य का प्लान ही सरकार ने रखा है।
किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री के वादे के तहत 2022 तक आमदनी दोगुनी करने के लिए भी एक तरह से रोड मैप के आधार पर बजट तैयार किया गया है। रमन सरकार के कृषि बजट में सबसे अधिक प्रावधान ने ही इस तरफ साफ तौर पर ईशारा कर दिया है। हालांकि मूलभूत जरूरतों के मद्देनजर सरकार ने अधोसंरचना विकास में फोकस करते हुए अपने ईरादे जाहिर किए हैं।
रमन के चुनावी बजट में सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है। सरकार का दावा है कि मौजूदा परिवेश में कनेक्टिविटी के साथ आर्थिक विकास की आवश्यकताओं के चलते अधोसंरचना पर जोर दिया जा रहा है। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश को लाजिस्टिक हब बनाने की दिशा में यह बजट बड़ा प्रयास हो सकता है।
इसके लिए सरकार ने सड़क, रेल और हवाई मार्ग की कनेक्टिविटी को प्राथमिक जरूरत माना है। मुख्यमंत्री ने इसी तरह की मंशा जताते हुए इसमें मोबाईल और इंटरनेट कनेक्टिविटी को भी जोड़ते हुए आम लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने की तैयारी की है।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की नियमित रिपोर्टिंग के साथ बैंकिंग सेवाएं और जीएसटी जैसी नई कर प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इसे बुनियादा जरूरत माना है। बजट में इसे ध्यान में रखते हुए ही राशि के प्रावधान किए गए हैं। राज्य एवं राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों का जाल बिछाने के लिए सरकार के प्रयास नजर आ रहे हैं।
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