रायपुर:छत्तीसगढ़ में चुनावी मिशन के दौर में सत्ताधारी दल भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान की स्थिति बन रही है। सरकार की ओर से कामकाज के आधार पर भाजपा संगठन ने मैदानी स्तर पर जोर लगाया है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष कांग्रेस भी इस बार पूरी ताकत दिखाने में कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। विपक्ष की ओर से पदयात्राओं और जनसभाओं को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
इधर सत्ताधारी दल की बैठकों में लिए गए निर्णय के तहत अब चुनावी मिशन के रोड मैप को अमलीजामा पहनाया जाएगा। सरकारी कामकाज में पारदर्शिता के दावों और योजनाओं की सफलता को सामने रखते हुए कवायदें हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सत्ताधारी दल को 65 सीटों का लक्ष्य दिया है। संगठन की ओर से इस लक्ष्य को हासिल करने एक्शन प्लान भी तय किए गए हैं।
इसके बावजूद सरकार और संगठन का पूरा फोकस विकास के मुद्दे पर ही टिका हुआ है। इस मामले में सरकार की अहम योजनाओं को मद्देनजर रखते हुए तैयारी हो रही है। सभी विधानसभा क्षेत्रों में निचले स्तर पर भी कार्यकर्ताओं को झोंका गया है। संगठन के स्तर पर अलग मानिटरिंग हो रही है। वहीं दूसरी ओर से सरकार के स्तर पर खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह विकास को लेकर मानिटरिंग कर रहे हैं।
सभी जिलों में योजनाओं की सफलता, क्रियान्वयन और लक्ष्य की पूर्ति समेत अन्य मामलों में वे रैंकिंग भी तय कर रहे हैं। इसके लिए अफसरों को कड़े निर्देश भी जारी किए गए हैं। निर्देशों के तहत विभागों में कामकाज को आगे बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने पहले ही कलेक्टरों के साथ समीक्षा में तीन माह का समय दिया है। इस अवधि में सभी को कामकाज की गति बढ़ाने के साथ सभी टास्क को पूरा करना है। इस मामले में कुछ जिलों में ही गति तेज हुई है।