भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सहकारिता के माध्यम से रोजगार के नये अवसर सृजित कर अलग-अलग क्षेत्रों में सहकारी संस्थाएं बनायें और लोगों को रोजगार दिलायें। श्री चौहान आज यहाँ अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़ना राज्य सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। यह नये रूप में आगे बढ़ रहा है।
खेती पर जनसंख्या के दबाव को कम करने में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में कई अभिनव नवाचार हुये हैं, जिन्हें बाद में अन्य प्रदेशों ने दोहराया है। भावांतर भुगतान योजना अपने तरह की अनूठी योजना है, जिसमें किसानों को समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर फसल बिकने पर भाव के अंतर की राशि दी जाएगी। उज्जैन में 22 नवम्बर को 16 से 31 अक्टूबर तक योजना के तहत फसल बेचने वाले किसानों के खाते में भावांतर की राशि जमा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषक उद्यमी योजना शुरू की है, जिसमें किसान के बेटा-बेटी कृषि से जुड़े उत्पादों के प्रसंस्करण की इकाई स्थापित कर सकते हैं। इसके लिये उन्हें दो करोड़ रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही योजना में पन्द्रह प्रतिशत अनुदान और पाँच वर्ष तक पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान की व्यवस्था भी की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पोषण आहार प्रदाय का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है। इसी तरह, रेत खदानों के संचालन के अधिकार ग्राम पंचायतों को दिये गये हैं। इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़गे। सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से कौशल उन्नयन का कार्य प्रदेश में शुरू किया गया है।
एक वर्ष में अलग-अलग क्षेत्रों में 320 नयी सहकारी संस्थाएं गठित की गई हैं। परिवहन, पर्यटन और चिकित्सा जैसे नये क्षेत्रों में सहकारी संस्थाएं गठित की गई हैं। शासकीय योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिये अगले दो माह में प्राथमिक सहकारी संस्थाओं के स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी।