फेसबुक डाटा लीक विवाद बढ़ता जा रहा है। आपको बता दे कि डेटा लीक में फंसने के बाद फेसबुक के सामने वजूद का संकट खड़ा हो गया है। सवाल यह कि क्या फेसबुक आगे चालू रहेगा या बंद हो जाएगा। अगर फेसबुक बंद होगा तो आपके अकाउंट और उसमें मौजूद सारी जानकारी का क्या होगा? आपकी तस्वीरों और वीडियोज का क्या होगा? यूजर्स में मन में ऐसे सवाल उठ रहे हैं।
फेसबुक के कर्मचारी भी इस तरह के सवाल कर रहे हैं कि क्या यह फेसबुक के खात्मे की शुरुआत है? कर्मचारियों ने सवाल उठाया है कि क्या इसका हश्र भी माईस्पेस जैसा होगा। हालांकि, इन सारे सवालों के जवाब देने के लिए मार्क जकरबर्ग सामने आए हैं ये डाटा लीक हुआ, इस बात को अब फेसबुक ने भी स्वीकार कर लिया है।जानिए इससे जुटी सभी बातें : –
फेसबुक सीईओ जुकरबर्ग ने मानी अपनी गलती
फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि हमारे यूजर्स की डाटा सीक्रेसी को लेकर ” target=”_blank” rel=”noopener”>कंपनी से गलती हुई। हम किसी भी पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अपनी जानकारी साझा करने वाले हमपर यकीन करते हैं कि उनकी जानकारी को हम सुरक्षित रखेंगे।
हमे काम करने का हक नहीं जकरबर्ग ने कहा कि डेटा की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, ऐसे में अगर यह नहीं कर सकते हैं तो हमे आपके लिए काम करने का हक नहीं। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि उनका डेटा लीक हुआ है। साथ ही वह यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह आखिर कैसे हुआ। जकरबर्ग ने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि दोबारा ऐसा नहीं हो, हम इसके लिए जरूरी कदम उठाएंगे। जकरबर्ग ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए यह तमाम बाते की है। आपको बता दें कि इस विवाद के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ किया है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह जकरबर्ग को समन करेंगे।
चोरी हुए डेटा का ऐसा होता है गलत इस्तेमाल
इस बहस के बीच सवाल उठता है कि क्या वाकई में चोरी हुए डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है? तो जवाब है हां. आपके फेसबुक से चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल कई तरह से हो सकता है। इस बारे में एनालिटिका के सीईओ ने बताया था कि कंपनी फेसबुक से चुराए हुए यूजर्स के डेटा से साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग करती है। इसके जरिये क्लाइंट के समर्थन में जानकारी प्लांट तो होती ही है। बल्कि विरोधी के खिलाफ भी आसानी से गलत सूचनाएं प्लांट करती है।
चुनावों में इसका असर यह होता है कि ज्यादातर जनमत बदल जाता है। गलत जानकारियां पाकर लोग अपना मत बदल देते हैं। भारत की बात की जाए तो यहां 20 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स हैं। इनमें से ज्यादातर लोग 18 से 35 की उम्र के लोग हैं, जो राजनीतिक दलों द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी को सच समझकर राय बना लेते हैं।
कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स ने किया डाटा लीक
आपको बता कि कैंब्रिज एनालिटिका एक निजी कंपनी है, जो डाटा माइनिंग और डाटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे ब्रिटेन के लंदन की ये कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है। कंपनी से जुड़े एक कर्मचारी क्रिस्टोफर ने नैतिकता को आधार बनाते हुए ये जानकारी सार्वजनिक की थी कि उनकी फर्म ने चुनावों को प्रभावित करने और ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए फेसबुक के उपभोक्ताओं के डाटा का इस्तेमाल किया था। बता दे कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 50 मिलियन फेसबुक उपयोगकर्ता का नीजी डाटा चुराने वाली कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया गया है।
ऐसे हुआ खुलासा
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक चैनल की ओर से जारी वीडियो में निक्स एक होटल बार में बैठे नजर आ रहे हैं और एक क्लाइंट को सलाह दे रहे हैं, जो उनके पास विदेशी चुनाव में मदद के लिए पहुंचा है। निक्स उसे सलाह देने है कि कंपनी चुनाव से पहले विपक्ष उम्मीदवार के पास एक खूबसूरत महिला को भेजती है और उनका वीडियो टेप कर लेती है। या फिर हम किसी अमीर लैंड डेवलपर को भेजते हैं, जो उन्हें पैसे ऑफर करता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी कई जानकारियां हैं।
पहले भी घटी है ऐसी घटना
2016 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का रूसी लोगों ने भी इस्तेमाल किया था। हालांकि इसे लेकर जकरबर्ग कभी सवालों के घेरे में नहीं आए थे।
तीन महीने में एक करोड़ उपभोक्ताओं की संख्या घटी
इस सूचना के लीक होने के बाद से फेसबुक के वैश्विक स्तर पर चौथी तिमाही में उपभोक्ताओं की संख्या 14 फीसदी बढ़ी है, लेकिन अमेरिका और कनाडा में स्थिति अच्छी नहीं है। यहां चौथी तिमाही के अंदर सिर्फ तीन महीने में एक करोड़ उपभोक्ताओं की संख्या घटी है।
गिरे फेसबुक के शेयर
मामला सामने आने के बाद अमेरिकी और यूरोपीय सांसदों ने फेसबुक से जवाब मांगा है। कार्रवाई के बाद फेसबुक कंपनी के शेयर सोमवार को 7% तक नीचे गिर गए। शेयर बाजार में कीमत घटने की वजह से फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्क को एक दिन में लगभग 6.06 अरब डॉलर (करीब 395 अरब रुपये) का झटका लगा।
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