पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन और फायरिंग में रविवार को 4 जवान शहीद हो गए। जवानों की शहादत को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। ऐसे समय में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि, ‘क्या केवल भारत के जवान मारे जा रहे हैं? क्या पाकिस्तानी जवान नहीं मर रहे हैं? क्या लोग नहीं मर रहे हैं? दोनों तरफ से गोलाबारी हो रही है। लाइन वहीं पर खड़ी है हमें फायरिंग बंद करनी होगी।
पाकिस्तान की ओर से मिसाइल दागे जाने पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि, आप भी मिसाइल मारेंगे फिर दोनों में फर्क क्या है ? इससे हमारे देश को क्या फायदा है? इतने हमारे जवान मारे गये, कैप्टन शहीद हो गये। कब तक हम यह खून देखते रहेंगे। युद्ध रास्ता नहीं है। एक ही रास्ता है जो कि बातचीत है जिसके बगैर कुछ नहीं बनेगा। बता दे कि उनके इस बयान पर राजनीतिक घमासान की भी पूरी संभावना बनती दिख रही है।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष का पाकिस्तान को लेकर दिया ऐसा बयान कोई नई बात नहीं है। कभी वह पत्थरबाजों के लिए नरमदिली दिखाते हैं तो कभी पीओके पर पाकिस्तान के दावे को सही बताते हैं। पिछले साल नवंबर में भी उन्होंने कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे पाकिस्तान से कोई छीन नहीं सकता।
वही ,लगातार घुसपैठ पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि घुसपैठ तब बंद होगी जब आप बातचीत का तरीका अपनायेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी ने बातचीत का तरीका अपनाया था और आराम से हम रहे. एक और सर्जिकल स्ट्राइक पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि यदि आपका मीडिया सर्जिकल स्ट्राइक चाहता है तो फारुख अब्दुल्ला को क्या कहते हैं गोलाबारी से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। दोनों तरफ के लोग मारे जायेंगे।
पीएपीएम के पाक अधिकारियों के साथ मुलाकात और साजिश के आरोपों पर भी जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी खुद गए थे पाकिस्तान खाना खाने… तब किसी ने उनके खिलाफ साजिश की? जब उन्होंने खाना खाया। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि पाकिस्तान कोई साजिश नहीं करता है।
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