विदिशा : विदिशा जिले के नटेरन क्षेत्र की सहकारी नर्सरी में फलदार, छायादार , कीमती वृक्षों को काटा व जलाया जा रहा है। तो वही शासकीय नर्सरी में किसानों को बांटने आए आलू के बीजों को किसानों को देने के बजाए , उन्हें नर्सरी के पीछे फेंका जा रहा है। ज्ञात हो कि नटेरन शासकीय नर्सरी में दर्जनों पुराने यूकेलिक्टस के पेड़, चंदन के पेड़, आम के पेड़, व अन्य, फलदार व छाया दार वृक्ष लगे हुए हैं,
विभागीय अधिकारियों द्वारा इन पेड़ों का काटा जा रहा है, और उनके डंठलों के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर जलाया जा रहा है, नटेरन की सरकारी नर्सरी के 15 से 20 वर्ष के पुराने यूकेलिप्टस के 20 पेड़ , दो आम के , तीन चंदन के ,नर्सरी के पदस्थ अधिकारी पाटिल द्वारा बिना किसी को जानकारी दिए कटवाएं गए है, जिन तीन चंदन के पेड़ों को काटा गया है,
उनकी उम्र 10 से 15 वर्ष से भी ज्यादा थी, तो वही हरा भरा आम का पेड़ जो प्रति वर्ष क्विंटल आम देता था। वह भी पाटिल द्वारा कटवा दिया गया है, नटेरन की नर्सरी में अब फलदार पेड़ सुरक्षित नहीं है, उघानिकी विभाग द्वारा केवल विभागीय योजनाएं कांगजों पर चल रही है, और क्रियान्वयन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
नटेरन की सरकारी नर्सरी में बांटने आए आलू के बीजों को पदस्थ अधिकारियों ने किसानों से बात कर उन्हें देने के बजाए, खराब हो जाने पर नर्सेरी के पीछे फिकवा दिए है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान शासन की योजनाओं का लाभ लेने से , व आलू के बीज पाने से वंचित रह गए। शासन की योजनाओं के हिसाब से अच्छी किस्म के आलू का बीज 40 क्विंटल नर्सरी में आया था।
84 ग्राम पंचायत के 200 से ऊपर गावं में यह वितरित किए जाने थे, किन्तु अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसान यह बीज पाने से वंचित रह गए। जिले के उघानिकी मंत्री सूर्य प्रकाश मीणा का क्षेत्र होने के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो रही है, शासन प्रतिवर्ष लाखों रूपए इस विभाग पर खर्च करती है ताकि अधिक से अधिक लोग योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। किन्तु विभागीय अधिकारी की लापरवाही ने शासन की योजनाओं पर पलीता लगा दिया है।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।