इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार वायुसेना के शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को शांतिकाल के सबसे बड़े वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित करेंगे।
आपको बता दे की भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। यह शांति के समय दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है और पहली बार किसी वायुसेना कमांडो को दिया जा रहा है। निराला ने जम्मू-कश्मीर के हाजिन इलाके में पिछले साल नवंबर में आतंकियों के साथ एनकाउंटर में अकेले ही 3 आतंकियों को मार गिराया था। उनमें से एक लश्कर-ए-तैयबा चीफ जकी-उर-रहमान लखवी का भतीजा भी था।
सुरक्षा बलों को कश्मीर के हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में आतंकियों के होने की खुफिया सूचना मिली थी। सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने वहां घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। आतंकियों से मुकाबला करते हुए जेपी निराला अपनी मशीनगन से आतंकियों पर कहर बनकर टूट पड़े और तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि इस गोलीबारी में निराला को भी गोलियां लगीं और वह शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 6 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। निराला की इसी अदम्य वीरता के लिए ही मरणोपरांत उन्हें शांतिकाल का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा।
शहीद निराला बिहार के रोहतास के रहने वाले थे। वे साल 2005 में वायु सेना में शामिल हुए। मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित करके पूरे देश ने उनकी शहादत को सलाम किया है। निराला जिस वक्त देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए, उनकी उम्र सिर्फ 31 साल थी। अपने पीछे परिवार में बेटी और विधवा को छोड़ गए हैं। इसके साथ ही उनकी 3 अविवाहित बहनें और बू़ढ़े मां-बाप भी परिवार में हैं।
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