रायपुर : वन मंत्री महेश गागड़ा नेे लोक सुराज अभियान के दौरान मिले वन विभाग से संबंधित समस्याओं और मांगों के निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए हैं। गागड़ा ने कहा कि जंगलों के आस-पास रहने वाले वनवासियों को वनों का लाभ मिलना चाहिए। विभागीय अधिकारियों को वनवासियों और आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विस्तृत कार्य-योजना बनाने को कहा है। वन मंत्री ने नया रायपुर के अरण्य भवन में अधिकारियों की बैठक लेकर वन विभाग के काम-काज और संचालित योजना की समीक्षा की।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सीके खेतान, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह सहित अरण्य भवन के वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलों से आए डीएफओ उपस्थित थे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने वन मंत्री श्री महेश गागड़ा की मंशा के अनुरूप वनवासियों को आत्म निर्भर बनाने के संबंध में सभी डीएफओ से सुझाव लिए।
मंत्री ने कहा कि लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयां और वन आधारित उद्योगों का इस प्रोजेक्ट में समावेश किया जाना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि वनों के अंदर और इसकी सीमा से लगे हुए गांवों के सम्पूर्ण विकास का कार्य एक साथ किया जाना चाहिए, जिससे वनोपज आधारित आजीविका तथा उनके आत्म निर्भर होने के लिए जो भी जरूरतें हों, उसे डीएफओ स्थानीय जिला प्रशासन की मदद से पूर्ण कराएं।
अधिकारियों ने वर्मी कम्पोस्ट, जंगल आधारित उच्च नस्ल के मवेषीपालन, मछलीपालन आदि कार्य लिए जा सकते हैं। इसी प्रकार ईको टूरिज्म पर आधारित कार्यों का चयन भी किया जा सकता है। डीएफओस ने यह भी सुझाव दिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य वाले वृक्ष जैसे महुआ गुठली, लाख, हर्रा, इमली के पौधे लगाए जाएं, जिससे ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके।
बैठक में भू-प्रबंध से जुड़े अपर प्रधान मुख्य संरक्षक ने वन अधिकार नियम,वन संरक्षण अधिनियम एवं ऑप्टिकल फाईबर केबल के प्रस्ताव पर भी वन मण्डलाधिकारियों को मार्गदर्शन दिया गया। चिप्स के सीईओ श्री अलेक्स पॉल मेमन ने भारत नेट परियोजना के बारे मेे जानकारी देते हुए वन विभाग से सहयोग की अपेक्षा की।
हरियाली प्रसार योजना के अंतर्गत लगभग 15 करोड़ पौधों के वितरित किए जाने की जानकारी दी गई। बैठक में हाथी और मानव द्वंद को कम करने के विभिन्न उपायों पर भी विचार-विमर्श की गई। राज्य में संचालित बांस मिशन की चर्चा करते हुए बताया गया कि बाड़ी परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक चयनित परिवार को 50 अथवा इससे ज्यादा मात्रा में पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं।
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्रीमती पी.संगीता ने नए जीएसटी कानून की विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए वन विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया। अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान ने अपने सम्बोधन में माननीय वन मंत्री और राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप वन वासियों की आर्थिक बेहतरी के लिए तमाम उपाय करने का भरोसा दिलाया।
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