भोपाल : वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वन मेला के माध्यम से आमजन में आयुर्वेद के प्रति आकर्षण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की पुर्नस्थापना के लिए आयुर्वेद के ज्ञान का विस्तार होना चाहिये। इसके लिये अंतर्राष्ट्रीय वन मेला बेहतर मंच उपलब्ध कराता है।
वनमंत्री डॉ. शेजवार ने यह बात स्थानीय लाल परेड मैदान में अंतर्राष्ट्रीय वन मेला के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कही। डॉ. शेजवार ने कहा कि आयुर्वेद महाविद्यालयों से जुड़े विद्यार्थी गाँवों तथा जंगलों का भ्रमण कर जड़ी-बूटियों की पहचान कर ज्ञान बढ़ायें। उन्होंने कहा कि जैव-विविधता बोर्ड द्वारा ग्रामीण स्तर पर समितियों का गठन किया जा रहा है।
इन समितियों के माध्यम से भी जड़ी-बूटियों की पहचान को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। इस मौके पर मप्र लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक जव्वाद हसन ने बताया कि इस सात दिवसीय आयोजन में लगभग एक लाख से अधिक लोगों ने मेले का भ्रमण किया तथा 80 लाख से अधिक की वनौषधि की खरीद-फरोख्त की गयी।
उन्होंने बताया कि मेले में आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में 22 एमओयू के माध्यम से लगभग 1.56 करोड़ रुपये के अनुबंध किये गये। वहीं वनोपज संघ के अध्यक्ष महेश कोरी ने कहा कि संघ द्वारा वनवासियों के आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में तेंदूपत्ता संग्राहकों को समुचित पारिश्रमिक उपलब्ध कराने के साथ ही बोनस भी उपलब्ध कराया जाता है। मेले के समापन अवसर पर वन मंत्री डॉ.शेजवार द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
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