पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर पीएम मोदी की शिकायत की है। पत्र में राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा गया है कि वह प्रधानमंत्री को कांग्रेस नेताओं या अन्य किसी पार्टी के लोगों के खिलाफ अवांछित और धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल करने से रोकें। दरअसल, कर्नाटक चुनाव प्रचार में PM मोदी के द्वारा कांग्रेस को ‘लेने के देने पड़ जाएंगे’ वाले बयान पर कांग्रेस ने घोर आपत्ति जताई है। पत्र में लिखा गया है की प्रधानमंत्री कांग्रेस को धमकाने का काम कर रहे हैं।
यह प्रधानमंत्री पद के लिए शोभा नहीं देता है। मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी का व्यवहार पीएम पद की मर्यादा के अनुकूल नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह पत्र ट्वीट किया है। कर्नाटक के हुबली में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने भाषण देते हुए कहा था, कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लीजिए, अगर सीमाओं को पार करोगे तो ये मोदी है, लेने के देने पड़ जाएंगे।’
कांग्रेस ने इस भाषण का उल्लेख करते हुए इसे आपत्तिजनक बताया है और राष्ट्रपति से पीएम को चेतावनी जारी करने के लिए कहा है। कांग्रेस ने अपने पत्र में इस भाषण के यूट्यूब लिंक का भी उल्लेख किया है। पत्र में पीएम पद के लिए ली जाने वाली शपथ का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने पद की मर्यादा का पालन करते हुए अपने दायित्व क निर्वहन किया है। यह सोचना भी मुश्किल है कि हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में पीएम के पद पर बैठा कोई व्यक्ति इस तरह की डराने वाली भाषा का इस्तेमाल करे।
पीएम मोदी के खिलाफ राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने भी अपने हस्ताक्षर किए हैं। इन नेताओं में पी. चिदंबरम, अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, मुकुल वासनिक, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, एके एंटनी और अहमद पटेल शामिल हैं।
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