गोरखपुर ट्रेजेडी मामले पर चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार ने बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बच्चों की मौत के लिए मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल, ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसी पुष्पा सेल्स के मालिक समेत 6 के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की सिफारिश की गई है। मामले में देर रात 4 लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया और केस की विवेचना गाेरखपुर में हाेगी।
लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अभय प्रसाद ने गुरुवार को यहां बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक के. के. गुप्ता की तहरीर पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर आर. के. मिश्रा, इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोडल अफसर डॉक्टर कफील खान, मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता कंपनी पुष्पा सेल्स समेत नौ लोगों के खिलाफ धारा 120 बी (साजिश करने), 308 (गैर इरादतन हत्या) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सम्बन्धित धारा के तहत कल रात हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया।
मालूम हो कि पिछली 10-11 अगस्त की रात को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में कम से कम 30 बच्चों की मौत हो गयी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
समिति ने गत 20 अगस्त को सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा, ऑक्सीजन प्रभारी, एनेस्थिसिया बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सतीश तथा एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम बोर्ड के तत्कालीन नोडल अधिकारी डॉक्टर कफील खान तथा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता कंपनी पुष्पा सेल्स के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की सिफारिश की थी।
इसके अलावा समिति ने डॉक्टर राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला, मेडिकल कॉलेज के लेखा विभाग के कर्मचारियों तथा चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत कार्रवाई की संस्तुति की है। समिति ने गैर-जिम्मेदाराना आचरण, कर्तव्यहीनता और कर्मचारी आचरण नियमावली के प्रतिकूल रवैया अपनाने के लिए डॉक्टर राजीव मिश्रा, डॉक्टर सतीश, डॉक्टर कफील खान, गजानन जायसवाल एवं सहायक लेखाकार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी की है।
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में औषधि तथा रसायनों की आपूर्ति की पिछले तीन वर्षों की कैग से विशेष आॅडिट कराने, डॉक्टर कफील खान द्वारा गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष तथ्यों को छुपा कर शपथ पत्र दाखिल करने और इंडियन मेडिकल काउंसिल के नियमों के विपरीत काम करने के लिए आपराधिक कार्रवाई किए जाने की सिफारिश भी की गई है।
बता दे की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए सभी दोषी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल कार्वाई करने के आदेश देते हुए कहा है कि दोषी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा न जाए और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्वाई की जाए।
गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी की वजह से लगभग 60 बच्चों की मौत हो गई थी।