नई दिल्ली : कांग्रेस ने आज मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह निर्भीक और निष्पक्ष लोकपाल नहीं बनने देना चाहती इसीलिए लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को राय दर्ज कराने और वोट के अधिकार के बगैर सिर्फ‘दर्शक दीर्घा’में बैठने के लिए इसकी चयन समिति की बैठक में बुलाया गया था। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल पर कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय का आदेश आने के बाद लोकपाल चयन समिति की बैठक बुलायी।
श्री खड़गे को‘विपक्ष के नेता‘की बजाय‘विशेष आमंत्रित’के तौर पर इसमें हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया जिसे उन्होंने मंजूर नहीं किया। श्री सुरजेवाला कहा कि लोकपाल सम्बन्धी कानून में‘विपक्ष के नेता’की जगह‘सबसे बड़ पार्टी के नेता‘का प्रावधान करने के लिए विधेयक लाया गया लेकिन मोदी सरकार इसे पारित नहीं करा रही है। उन्होंने सवाल किया,’छींक आने पर भी अध्यादेश जारी करने वाली यह सरकार आखिर इसके लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार एक निर्भीक और निष्पक्ष लोकपाल की नियुक्ति नहीं चाहती है,इसलिए सबको समान रूप से बात रखने का अधिकार नहीं देना चाहती। उल्लेखनीय है कि श्री खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में उन्हें‘विशेष आमंत्रित’के रूप में बुलाये जाने पर कड़ आपत्ति करते हुए इसमें यह कहते हुए हिस्सा लेने से इंकार कर दिया कि उन्हें इसमें अपनी राय दर्ज कराने तथा मतदान में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं होगा। श्री खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को कल लिखे पत्र में कहा कि उन्हें बैठक मे‘विशेष आमंत्रित’के रूप में बुलाया जाना भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने के लिए देश के सबसे अहम पद की चयन प्रक्रिया में विपक्ष की स्वतंत्र आवाज को दबाने की कोशिश है।
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