अनुसूचित जाति जनजाति पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा करे सरकार : भाकपा  - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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अनुसूचित जाति जनजाति पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा करे सरकार : भाकपा 

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नयी दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी( भाकपा) ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति( अत्याचार निवारण) अधिनियम( एससी एसटी एक्ट) के सख्त प्रावधानों में ढील देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले की व्यापक समीक्षा कर इसे सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ के समक्ष विचारार्थ पेश करने की मांग की है। भाकपा के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने आज इस कानून के माध्यम से अनुसूचित जातियों और जनजाति के लोगों को मिले अधिकारों को कानून की मूल भावना के अनुरूप लागू कराने का हवाला देते हुये सरकार से यह मांग की। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपने एक फैसले में एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान का दुरुपयोग होने का हवाला देते हुये गिरफ्तारी से पहले पुख्ता जांच करने की बात कही थी।  अदालत ने इन प्रावधानों के दुरुपयोग के हवाले से कहा था कि तमाम मामलों में या तो निर्दोष नागरिकों को अभियुक्त बना दिया जाता है या फिर प्रशासनिक अधिकारी भयवश कार्रवाई करने से बचते हैं। यह सब इस कानून का मूल मकसद कभी नहीं रहा।

राजा ने कहा कि सर्वोच्च अदालत का फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाने के प्रयासों के प्रति करारा झटका है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को विभिन्न कानूनों के माध्यम से संरक्षण प्रदान किया गया है और अदालत के इस फैसले ने एससी एसटी एक्ट को निरर्थक साबित कर दिया है क्योंकि अब न तो प्रशासनिक अधिकारी कानून के उल्लंघन पर प्रभावी कार्रवाई कर पायेंगे और ना ही कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा सकेगी। राजा ने कहा कि न्यायालय का फैसला ऐसे समय में आया है जबकि दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ दमन जारी है। उन्होंने सर्वोच्च अदालत पर इन समुदायों के अधिकारों को छीनने वाला फैसला सुनाने का आरोप लगाते हुये कहा‘‘ इस तरह की भयावह घटनाओं के बीच उच्चतम न्यायालय ने आंख मूंद कर यह फैसला दिया है।’’

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