गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट शुक्रवार को जारी की थी जिसके बाद टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज है । आपको बता दे कि भाजपा की सोच थी कि जितनी देर से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होगा, उतना ही विरोध कम होगा, लेकिन ये दांव तो पार्टी पर उल्टा पड़ गया, क्योंकि सुबह जारी उम्मीदवारों की लिस्ट के बाद शाम तक तो पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई। जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं भाजपा को गुजरात चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं ने पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इन नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटे हैं।
बता दे कि भारतीय जनता पार्टी ने 17 नवंबर को 70 उम्मीवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। जैसे ही ये लिस्ट सामने आई पार्टी में बगावत सामने आने लग गई। वही , पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी से नाराज कई नेताओं ने इस्तीफे सौंपने शुरू कर दिए. देखते-देखते इस्तीफों की झड़ी लग गई ।
वही , अंकलेश्वर विधानसभा सीट पर तो भाई ने ही अपने भाई के टिकट का विरोध किया। वल्लभ पटेल ने भाई ईश्वर पटेल को टिकट दिए जाने से नाराज होकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा सौंप दिया।
वहीं इस बगावत के बाद तो जैसे मानों पार्टी में इस्तीफों का दौरा ही शुरु हो गया। वडोदरा से लेकर पादरी जिला पंचायत तक नेताओं की नाराजगी देखने को मिली।
बता दे कि हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए भोलाभाई गोहिल भी नाराज हैं। उन्होंने जसदण सीट से टिकट मांगा था, लेकिन नहीं दिया गया. जबकि वो इस सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। इतना ही नहीं गोहिल ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। लेकिन इस सीट से भरत बोगरा को टिकट दिया गया। वही ये भी खबर है कि नाराज गोहिल आज जीतु वाघानी से मुलाकात करेंगे।
अब देखते ही देखते पार्टी में भागम-भाग मच गई। जिसे रोकने के लिए खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को मैदान में आना पड़ा।