रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनावी मिशन में सत्ताधारी दल भाजपा के मौजूदा विधायकों पर इस बार तलवार लटक सकती है। संगठन की ओर से कराए गए अंदरूनी सर्वे के नतीजे अधिक उत्साहजनक नहीं हैं। यही वजह है कि परफार्मेंस के आधार पर ही विधायकों की टिकट तय होगी। सूत्र दावा करते हैं कि इस बार बड़ी तादाद में विधायकों की टिकट काटने की तैयारी है। वहीं उनके स्थान पर नए चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा।
हालांकि भाजपा संगठन की ओर से हर चुनाव में इसी तरह के प्रयोग होते रहे हैं। इसके बावजूद इस बार गुजरात पैटर्न पर टिकट वितरण करने की तैयारी हो रही है। गुजरात में करीब 40 फीसदी से अधिक विधायकों की टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया गया था। छत्तीसगढ़ में भी इस बार करीब 50 फीसदी विधायक डेंजर जोन में नजर आ रहे हैं। संगठन के अंदरूनी सर्वे में इन विधायकों की लोकप्रियता का ग्राफ उनके क्षेत्रों में गिरा है। वहीं स्थानीय लोगों ने अपने विधायक के कामकाज पर नाखुशी ही जताई है।
ऐसी स्थिति में संबंधित सीटिंग एमएलए को रिपीट करना संगठन के लिए मुश्किलों भरा होगा। इनके स्थान पर अब गोपनीय स्तर पर नए चेहरों की तलाश हो रही है। भाजपा के रणनीतिकार सभी जिलों में जाकर टोह ले रहे हैं। वहीं सक्रिय और नए चेहरों को तलाशा जा रहा है। ऐसी स्थिति में संगठन के सामने असंतोष उभरने का भी खतरा हो सकता है। हालांकि पार्टी ने इससे निपटने के लिए पूरा प्लान भी तैयार किया है।
गुजरात में जरूर विधायकों की टिकट काटने के बाद भी दावे के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई थी। एंटी इंकमबेंसी फैक्टर से जुूझ रही सरकार अब संगठन में नए चेहरों पर भरोसा कर सकती है। बदलाव के चलते पार्टी की अंदरूनी स्थिति में भी खलबली मची हुई है। कई विधायक अभी से पार्टी के दिग्गज नेताओं के चक्कर काटने लगे हैं। वहीं अपने क्षेत्रों में कराए गए विकास के मामले में दावे भी प्रस्तुत कर रहे हैं।
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