चंडीगढ़ : विपक्ष चौधरी के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जींद रैली के आयोजन पर 50 से 100 करोड़ रुपए सरकार द्वारा खर्च किए गए हैं और यह मांग की कि चूंकि यह रैली एक राजनैतिक दल की थी इसलिए यह सारा खर्चा भाजपा से वसूल किया जाए। रैली के लिए इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों और अद्र्धसैनिक बलों को एकत्रित करने का एकमात्र उद्देश्य प्रदेश की जनता को धमकाना और रैली स्थल पर भीड़ एकत्रित करना था। किन्तु इसके बावजूद जिस तरीके से रैली असफल हुई है उससे प्रदेश की जनता ने भाजपा को आइना दिखाकर उसकी स्थिति स्पष्ट कर दी है। नेता विपक्ष ने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हुए यह मांग की कि भाजपा ने जो वायदा इन सभी कर्मचारियों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था उसे वह पूरा करे।
यहां आयोजित पे्रसवार्ता में उन्होंंने कहा हालांकि राज्य की भाजपा सरकार ने जानबूझकर बजट सत्र की ऐसी तिथियां चुनी हैं जिनमें मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) पूरी तरह से शामिल न हो सके, फिर भी इनेलो अपने संवैधानिक दायित्व को निभाते हुए 5 और 6 मार्च को सत्र में भाग लेते हुए एसवाईएल के मुद्दे बारे काम रोका प्रस्ताव भी रखेगा। उन्होंने याद दिलाया कि 5 मार्च को बजट सत्र बुलाया गया है जबकि कई महीनों से सरकार यह जानती थी कि 7 मार्च को इनेलो द्वारा दिल्ली में एसवाईएल नहर के निर्माण कार्य को पूरा करने बारे ‘अधिकार रैली’ का आयोजन किया गया है। इनेलो नेता ने सभी को 7 मार्च की रैली में सम्मिलित होने का न्यौता देेते हुए कहा कि इनेलो हरियाणा के अधिकार के नदियों के जल को राज्य में लाने के लिए हर संभव दबाव भी बनाएगी और प्रयास भी करेगी। उन्होंने याद दिलाया कि इनेलो ने सिलसिलेवार तरीके से धरने और प्रदर्शन इस संबंध में किए हैं।
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(आहूजा)