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158 करोड़ का घोटाला

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करनाल : मोदी राज में बैंको में घोटाले रूकने का नाम नहीे ले रहे। पहले ललित मोदी और फिर नीरव मोदी ने कई हजार करोड़ों का पी.एन.बी बैंक को चुना लगा डाला। ठीक उसी तर्ज पर करनाल के रहने वाले टिम्बर मर्चैन्ट अशोक मित्तल ने करीब 158 करोड़ का ओ.बी.सी बैंक को चुना लगा दिया है। सी.बी.आई ने लकड़ी व्यापारी अशोक मित्तल, उनकी पत्नी तथा एक बैंक अधिकारी के खिलाफ दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि बैंक में 158 करोड़ का घोटाला हो जाने के बाद दो दिन पहले दिल्ली की सी.बी.आई टीम ने करनाल के सैक्टर-13 समेत मित्तल के कई ठिकानों पर छापा मारा था।

लेकिन अशोक मित्तल सीबीआई के हाथ नहीं लगा। बताया जा रहा है कि इस मामले में करनाल स्थित ओ.बी.सी बैंक के एक प्रबंधक पर गाज भी गिरी है। सी.बी.आई इस मामले में बैंक अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार करनाल के सदर बाजार स्थित टिंबर मार्केट में टिंबर का कारोबार करने वाले अशोक मित्तल ने अपनी कंपनी महेश टिंबर प्राइवेट लि. के नाम से ओबीसी बैंक के प्रबंधक के साथ मिल कर सिंगापुर स्थित अपनी फर्म में लकड़ी आयात करने के नाम पर 158 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस प्रा. लि. फर्म में अशोक मित्तल के अलावा उनकी पत्नी निशा मित्तल भी शेयर होल्डर है। बताया जाता है कि इससे पहले अशोक मित्तल ने फर्जी तरीके से अपनी फर्म की बैंक लिमिट 12 करोड़ से बढ़वा कर 108 करोड़ रुपए कर ली।

इतना ही नहीं इसके बाद फर्जी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग के जरिए करीब 158 करोड़ रुपए की रकम सिंगापुर में ट्रांसफर करवा ली। सुत्रों के मुताबिक करनाल के रहने वाले अशोक मित्तल लकड़ मार्किट में महेश ट्रेडिंग प्राइवेट कम्पनी चलाते है। उन्होंने कुछ समय पहले सिंगापुर में एक कम्पनी बनाई थी। इसके बाद उन्होंने करनाल स्थित ओ.बी.सी बैंक में सिंगापुर की कम्पनी में पैसा ट्रांसफर करने के लिए एल.ओ.यू जारी करने के लिए बैंक अधिकारियों से साठगांठ कर ली। बताया जा रहा है कि मिली भगत के जरिए बैंक ने अशोक मित्तल की गारंटी लेते हुए सिंगापुर की कम्पनी को एल.ओ.यू का लैटर जारी कर दिया। बाद में बैंक ने करीब 158 करोड़ रूपया सिंगापुर की कम्पनी में ट्रांसफर कर दिया।

हालांकि यह रकम तब दी जाती है जब बैंक उपभोक्ता बैंक में राशि जमा करवा देता है। काफी दिन तक अशोक मित्तल ने जब इतनी बड़ी रकम बैंक में जमा नहीं करवाई तो बैंक अधिकारियों के होश उड़ गए। इसके बाद अशोक मित्तल भूमिगत हो गए। बैंक ने बाद में सैक्टर-13 स्थित उनकी कोठी की नीलामी भी करवा दी। लेकिन रकम वापस नही लौटी। आखिरकार इसकी शिकायत सी.बी.आई को की गई। दो दिन पहले हीे सी.बी.आई ने अशोक मित्तल के ठिकानों पर दबिश दी थी। लेकिन अशोक मित्तल सी.बी.आई के हाथ नहीं लगे। कुछ दुकानदारों ने ऑफ द रिकार्ड हमें जानकारी दी कि अशोक मित्तल ने बाजार का पैसा देना है।

लेकिन उन्होंने सभी व्यापारियों को बुला कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी और कहा था कि जब उनके पास पैसे आएंगे तो वे मार्केट का पैसा वापस लौटा देंगे। इसी तरह उन्होंने बैंक अधिकारियों को भी लालच दे कर अपने साथ मिला लिया और फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरस्टेडिंग जारी करवा ली। अब सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा पूरे मामले को खंगाल रही है। सूत्रों की माने तो टिंबर मार्केट के कई बडे व्यापारी अशोक मित्तल की राह पर है।

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– हरीश चावला

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