चंडीगढ़ : पिछले साल पंचकूला में डेरा प्रकरण के दौरान दंगों की पड़ताल कर रही एसआईटी को बड़ा झटका लग गया है। दंगों के आरोप में 53 लोगों के आरोपियों के ऊपर से देशद्रोह की धारा हटा ली गई है। इन लोगों में कई लोग डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के या तो करीबी हैं अथवा डेरा की प्रबंधन समिति के सक्रिय सदस्य रहे हैं। देशद्रोह की धारा दंगों के सिलसिले में दर्ज एफआईआर नंबर 335 से धारा 121, 121 ए और 307 हटा दी गई हैं। बचाव पक्ष के वकील सुरेश कुमार रोहिला ने बताया कि 25 अगस्त के दंगो को लेकर एफआईआर नंबर 335 में 53 आरोपियों पर से देशद्रोह की धारा और हत्या का प्रयास की धारा हटाई हैं। उन्होंने बताया कि 53 आरोपियों में से अधिकतर आरोपी डेरा की 45 सदस्य कमिटी के सदस्य हैं।
चार्जशीट के आधार पर चार्जफ्रेम पर हुई बहस में कोर्ट ने पाया कि आरोपियों पर देशद्रोह की धारा और हत्या के प्रयास की धारा नहीं बनती है और अब अन्य धाराओं के तहत सभी आरोपियों पर मामला चलेगा। उल्लेखनीय है कि एफआईआर नंबर 335 में 53 आरोपियों में कुछ नाम ऐसे है जो काफी चर्चा में रहे थे। इनमें सुरिंदर सिंह, चमकौर सिंह इंसा व रणबीर सिंह आदि हैं। अब यह मामला ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चलेगा। पंचकूला में 25 अगस्त को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण में दोषी ठहराए जाने के बाद दंगे हुए थे और इसमें व्यापक पैमाने पर आगजनी, तोडफ़ोड़ हुई थी। पुलिस गोली से कई लोगों की जान चली गई थी। दंगों की पड़ताल के लिए बाद में विभिन्न एसआईटी गठित की गई थीं और एसआईटी ने आरोपियों को पकडऩे के लिए जहां सोशल मीडिया पर संदिग्धों के फोटो और वीडियो अपलोड किए थे। इसी दौरान विभिन्न आरोपी अलग-अलग मौकों पर एसआईटी के हत्थे चढ़े।
आरोपियों से पूछताछ के आधार पर कई लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज हुए थे और तब माना जा रहा था कि हरियाणा पुलिस का शिंकजा पूरे मामले में सख्त है लेकिन, अब कोर्ट से 53 लोगों पर देशद्रोह की धारा हटाए जाने के साथ ही एसआईटी को करार झटका लगा है। इससे पहले भी कोर्ट से कुछ लोगों को जमानत मिलती रही है। कुल मिलाकर दंगों की तफ्शीश में जुटी हरियाणा पुलिस के सामने चुनौतियां बड़ी होती जा रही हैं। हरियाणा पुलिस दंगों के सिलसिले में ही डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत समेत डेरा मुखी के तमाम करीबियों के खिलाफ भारीभरकम चार्जशीट तक सौंप चुकी है। चार्जशीट में कहीं भी गुरमीत राम रहीम को दंगों का आरोपी नहीं बनाया गया है।
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(राजेश जैन)