बहादुरगढ़ : बुधवार की सुॅबह बहादुरगढ लाइनपार केे बलजीत नगर से दो नन्हे नन्हे भाई बहन का अपहरण हो गया। परिवार के लोग देर शाम तक बच्चो और अपहरणकर्ता को दिल्ली रेलवे स्टेशन व अन्य जगहों पर ढूढते रहे मगर जब न तो बच्चे मिले और न ही बच्चो का अपहरण करने वाली युवती तब परिजनों ने देर शाम लाइनपार पुलिस स्टेशन में बच्चो के अपहरण मामला दर्ज कराया। परिवार ने एक महिला के नामजद अपहरण का मामला दर्ज कराया है जिसका नाम सीता है। पौने दो माह पहले बिहार से दुल्हन बन कर बहादुरगढ आई सीता के हाथो की महेंदी भी अभी सूखी नहीं थी कि वह अपने पति और सास का विश्वास तोडते हुए पडोसी के दो नन्हे नन्हे बच्चो को अपहरण कर फरार हो गई। बिहारी दुल्हन सीता बच्चो को कहां लेकर गई किसी को कुछ पता नहीं। बहादुरगढ लाइनपार पुलिस भाई बहन का अपहरण करने वाली महिला के साथ साथ बच्चो की तलाश में बुधवार से ही जगह जगह छापे मार रही है। सीता का पति ओमवीर भी अपने कई पडोसियों के साथ बच्चो की तलाश में घूम रहा है वह पूरा दिन दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बिहार जाने वाली सभी गाडियों में सीता और बच्चो को तलाशता रहा।
जिस मकान में सीता अपने पति ओमबीर व सास खजानी देवी के साथ बजलीत नगर लाइनपार में रहती थी उसी मकान में दिनेश व उसकी पत्नी मोनी अपने सात वर्षीय बेटे प्रियांशु व छह वर्षीय बेटी प्रिया के साथ रहते थे। ओमबीर व सीता उपरी मंजिल में रहते थे जबकि दिनेश व मोनी नीचे रहते थे। बुधवार सुॅबह नौ बजे दिनेश अपने काम पर चला गया जबकि उसकी पत्नी मोनी किसी कंपनी में काम की तलाश में गई थी। पति पत्नी अपने दोनो बच्चो को सीता के पास खेलते हुए छोड कर गए थे। बताया गया है कि लगभग दस बजे कई लोगोंं ने सीता को दोनों बच्चो का हाथ पकड कर जाते हुए देखा। एक हाथ से सीता लडके प्रियांशु का हाथ पकड रही थी तो दूसरे हाथ में प्रियांशु की छह वर्षीय बहन प्रिया का हाथ पकड रही थी। प्रिया उसके साथ जाना नहीं चाहती थी वह रो रही थी मगर सीमा ने उसे थप्पड मार कर चुप करा दिया । उस समय सीता की सास खजानी गली में कुर्सी बिछा कर बैठी थी।
खजानी ने जब सीता से पूछा की वह कहां जा रही है तो सीता ने बताया कि वह पडोस में ही जा रही है मगर जब सीता वापस नहीं आई और न ही बच्चे वापस आए तो परिवार के लोगों ने उनकी तलाश शुरु की और देर शाम बच्चो की मां मोनी ने अपने सात वर्षीय बेटे प्रियांशु और छह वषीय बेटी प्रिया के अपहरण का मामा दर्ज कराया। पुलिस ने बच्चो महिला के फोटो विभिन्न जिलों में भिजवाए हैं। पर अभी कर दोनों बच्चों के बारे में कोई भी जान कारी नहीं मिल पाई है। बच्चो की मां कावौंदा गांव कि मोनी ने बताया कि अक्कसर दोनो बच्चे सीता के पास ही खेलते रहते थे और उन्हे यह विश्वास ही नहीं था कि सीता ऐसा काम कर देगी। यह भी बताया गया है कि जब सीता दोनों बच्चों को ले जा रही थी तो सीता ने अन्य बच्चों को वहां से भगा दिया। बच्चो केे अपहरण के बाद परिवार काफी सहमा हुआ है। बच्चों की हर जगह तलाश कर ली है। लेकिन कोई पता नहीं चल पाया।
एएसपी ने दिया आश्वासन : एडिशनल एसपी लोकें द्र सिंह ने कहा कि परिजनों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। उक्त महिला के पति से भी पूछताछ की गई है। महिला जिस गांव की है, वहां भी पता लगाया जा रहा है। सर्च अभियान जारी है। जल्द ही बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा।
घर में नहीं रखूगी ऐसी बहू को : अपहरणकर्ता सीता उसकी बहू थी मगर अब नहीं। यह कहना है सीता की सास खजानीदेवी का । खजानी ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे का घर बसाने के लिए बिहार की सीता से शादी तो इसलिए कराई थी कि उसके बेटे का गृहस्थी जीवन कामयाब हो जाएगा। गरीब घर की लडकी है, मैंरी भी सेवा करेगी मगर वह तो पापन निकली जिसने पडोसियो के बच्चो का अपहरण कर मेंरे परिवार पर कलंक लगा दिया अगर वह वापस आ भी गई तो मैं उसे अपने घर पर नहीं रखूगी। सीता के पति ओमवीर का कहना है कि वह अपनी पत्नी के कारनामे से काफी शर्मसार है। उसे पता नहीं कि सीता ने यह घोर अपराध क्यो किया। ओमबीर ने बताया कि वह सीता की मां से जो बिहार के गांव नरपतगंज में रहती है कल से कई बार फोन पर बात कर सीता के विषय में पूछ चुका है मगर उसका कहना है कि सीता यहां अभी तक नहीं आई है और जैसे ही वह आ जाएगी तभी वह आप के पास फोन कर देगी।
बिचौलियां भी कर रहा है भागदौड : ओमवीर और सीता की शादी कराने वाला बिचौलिया जो गांव छारा का रहने वाला है वह भी सीता को ढूढने के लिए रात से ही भागदौड कर रहा है। सीता के खिलाफ बच्चो के अपहरण का मामला दर्ज कराते समय भी वह बच्चो के पिता के साथ पुलिस स्टेशन गया था।
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– प्रेम शर्मा