पानीपत: पानीपत सांस्कृतिक मंच की ओर से शनिवार को देर सांय स्थानीय एसडीवीएम सीनियर विद्यालय के सभागर में 10वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री मनोहर लाल रहे। कवि सम्मेलन में परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा, शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी, समालखा रविन्द्र म’छरौली, भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय भाटिया, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रमोद विज, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र रेवड़ी, उपायुक्त डा. चन्द्रशेखर खरे ने सम्मानित अतिथि के रूप में शिरकत की।
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ से डा. सुरेन्द्र दूबे, मथूरा से पूनम वर्मा, दिल्ली से डा. हरविन्द्र पाल सिंह, जयपुर से अबदूल अयुब गोरी और पानीपत के योगेन्द्र मुदगिल, राजस्थान से राम बाबू की वीर रस पर आधारित देश भक्ति की रचनाओं पर सभी दर्शक भाव विभोर हो गए। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके हुआ। एसडीवीएम विद्यालय सभागार कवियां की रचनाओं से देश भक्ति के रंगों में रंग गया। इससे पहले पानीपत सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष एवं करनाल लोकसभा निगरानी समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र सलूजा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि भारत एक धार्मिक व सांस्कृतिक राष्ट्र है।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन जैसे आयोजन जहां सांस्कृतिक व साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं वहीं नागरिकों में देश भक्ति की भावनाआ को बढ़ावा देने का भी कार्य करते हैं। इन सम्मेलनों के माध्यम से हमें भारत के सभी प्रदेशों की सभ्यता और संस्कृतियों से रूबरू होने का भी अवसर भी मिलता है। कवि सम्मेलन हमारी सांस्कृतिक धरोहर का आईना है। इन सम्मेलनों के माध्यम से हम देश की युवा पीढी को चरित्रवान व देश भक्ति से औत-प्रौत बनाने का कार्य भी बखुबी करते हैं। उन्होंने कहा कि देश के कवियों को जातिवाद, भाई-भतिजावाद, भ्रष्टाचार उन्मूलन, मातृ शक्ति सम्मान व राष्ट्र सम्मान को अपनी कविताओं का मुख्य विषय बनाना चाहिए ताकि कवि सम्मेलन समाज सुधार का कार्य करके देश और समाज को नई दिशा दे सकें। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में प्रचलित चुटकले सुनाकर नागरिकों को हसनें के लिए मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मथूरा की पूनम वर्मा की मां सरस्वती वंदना से हुआ। छत्तीसगढ़ के महान कवि सुरेन्द्र लाल दूबे ने कहा कि अंग्रेजी से उन्हें एतराज नही है लेकिन हिन्दी और हरियाणवी ही संस्कारवान-जवान तैयार करती है। सम्मेलन में आए लोगों को दिल्ली के डा. हरविन्द्र पाल सिंह, जयपुर के अबदूल अयुब गोरी और राजस्थान के राम बाबू ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से हसनें को मजबूर कर दिया। पानीपत की सभी सिख संगत ने सम्मेलन से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिरोपा और कृपाण भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर डा. राजबीर आर्य, भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष एवं पार्षद संजीव दहिया, युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मेघराज गुप्ता, पार्षद लोकेश नागरू,डा. बृजेश शर्मा, सुरेश रावल, सर्बजीत सिंह, संदीप त्यागी, संजय जैन, निगमायुक्त शिवप्रसाद शर्मा, एसडीएम विवेक चौधरी, मुकेश त्यागी, सोनू सलूजा, विनोद खण्डेलवाल, स. सुखदेव, स. जीत सिंह, सूरज पहलवान, स. अमरजीत सिंह, लखविन्द्र सिंह, कमलजीत सिंह, अवतार सिंह, राजपाल हरिनगर के अलावा शहर के सभी कवि और गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
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