गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को इस मसले पर प्रतिक्रिया दी थी। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था कि नमाज बाहर नहीं ईदगाह या मस्जिद में ही पढ़ी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। खुले में नमाज अदा किए जाने के मामलों में वृद्धि हुई है। नमाज को सार्वजनिक स्थानों की बजाय मस्जिद या इदगाह में पढ़ा जाना चाहिए।
इस बीच राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि कभी-कभार जरूरत पढ़ने पर बाहर भी नमाज पढ़ी जा सकती है। अनिल विज ने कहा है, ‘कभी-कभार अगर किसी को जरूरत पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।’ इससे पहले सीएम खट्टर ने कहा था, ‘यह हमारी ड्यूटी है कि कानून और व्यवस्था को बनाया रखा जाए। खुले में नमाज पढ़ने का प्रचलन बढ़ा है।
सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने की बजाय मस्जिद और ईदगाह में जाना चाहिए।’ हाल ही में गुरुग्राम में हिंदूवादी संगठनों के कुछ लोगों की ओर से कई इलाकों में नमाज में बाधा पहुंचाए जाने की बात सामने आई थी। शहर के कई इलाकों में भीड़ की ओर से ‘जय श्री राम’ और ‘बांग्लादेशी वापस जाओ’ जैसे लगाए जाने और नमाज में बाधा पैदा करने के चलते अजीब माहौल हो गया था। खासतौर पर यह घटनाएं शहर के व्यस्त इलाकों इफको चौक, उद्योग विहार, लेजर वैली पार्क और एमजी रोड पर हुई थीं।
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