चंडीगढ़: रोहतक की सुनारियां जेल में 20 वर्षों की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम के साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार होता है। उसे किसी भी तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। जेल मैनुअल के अनुसार उसी वही सुविधाएं मिल रही हैं, जो दूसरे कैदियों को मिलती हैं। यह कहना है राज्य के जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार को। जेल में डेरामुखी को खास सुविधाएं दिए जाने की खबरों बारे पूछने पर मंत्री ने खबरों को पूरी तरह से खारिज करते हुए जेल प्रशासन को क्लीन-चिट देते हुए कहा कि ऐसी कोई अलग से सुविधा नहीं है जो राम रहीम को मिल रही हो और दूसरे कैदियों को नहीं। जेल में आम कैदियों को जो खाना मिलता है, वही राम रहीम को दिया जाता है।
सजा के अनुसार उससे श्रम कराया जा रहा है। दरअसल 25 अगस्त को साध्वियों से रेप मामले में जब डेरामुखी को दोषी ठहराया गया और उसे सुनारियां जेल शिफ्ट किया गया, उसी दौरान सुरक्षा के इतने तगड़े प्रबंध कर दिए गए थे कि परिंदा भी बैरक तक न पहुंच सके। सूत्रों के अनुसार जिस बैरक में डेरामुखी को रखा गया है, उसमें एक समय में छह जेल अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। यह ड्यूटी चौबीस घंटों के लिए है। इसी तरह से जेल अधीक्षक के अलावा दूसरी जेलों का एक-एक जेल अधीक्षक हर सप्ताह रोटेशन पर ड्य़ूटी देता है। दूसरी जेलों से ही जेल उपाधीक्षक की भी ड्यूटी लगती है।
किस जेल का उपाधीक्षक ड्यूटी पर होगा, इसकी भनक सुनारियां जेल प्रशासन तक को नहीं होती। यही नहीं, राम रहीम की बैरक पर ड्यूटी करने वाले जेल अधिकारियों व जवानों को लिखित में आदेश हैं कि डेरामुखी के साथ अकेले में कोई भी मुलाकात नहीं करेगा। जेल मंत्री ने कहा कि राम रहीम के परिवार को भी हफ्ते में एक ही दिन मुलाकात की इजाजत दी जाती है। 20 मिनट में से केवल राम रहीम के परिवार ने 8 मिनट मुलाकत की जबकि 3 मिनट सामान के जांच में लगे। जेल से बाहर निकलने के बाद राहुल जैन ने डेरामुखी को विशेष सुविधाएं दिए जाने के आरोप लगाए थे। इस पर मंत्री ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं।
– राजेश जैन