फरीदाबाद: प्रदेश में भाजपा की सरकार बने लगभग ढाई साल बीत चुका है, मगर इन बीते ढाई सालों में सरकार ढाई कोस भी न चल पाई है और हालात ज्यों के त्यों हैं। चुनावों से पूर्व बडख़ल झील बडख़ल विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा था और समय-समय पर कभी पर्यटन मंत्री तो कभी मुख्यमंत्री ने स्वयं इस क्षेत्र का दौरा किया, मगर बीते ढाई साल में झील को भरने की बात तो दूर सरकार एक बूंद पानी भी लाने में कामयाब नहीं हो पाई है। अब हालात यह हैं कि लोगों का जो बडख़ल झील भरने का सपना था, वह टूट गया और उन्होंने उम्मीद छोड़ दी है। बडख़ल झील को भरना तो दूर की बात इसकी मरम्मत तक करना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
लोगों को नहीं लगता कि बडख़ल झील को भरने की सरकार की नीयत है। बडख़ल झील की दुर्दशा का आलम यह है कि बडख़ल झील का पानी रोकने के लिए बनाई गई बाउंड्री वॉल की हालत इतनी खराब है कि अगर इसमें पानी भरा भी जाता है, तो इसकी मोरी कभी भी टूट सकती है और बाउंड्री वॉल पानी का बहाव नहीं सह पाएगी। झील की पटरी पर लगी सीढिय़ां, टाइलें एवं बैठने के लिए बनाई गई सीटों की हालत खस्ता हो चुकी है, मगर सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। कभी शहर की रौनक कहलाने वाली बडख़ल झील आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है।
– राकेश देव