कुरुक्षेत्र: हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि एसजीपीसी के पूर्व प्रधानों की तरह वर्तमान प्रधान प्रो.कृपाल सिंह बडूंगर भी पिछले एक साल से हरियाणा की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रो.बडूंगर ने पदभार संभालने के बाद दावा किया था कि मीरी-पीरी कालेज ऑॅफ मेडिकल साईसज एंड रिसर्च शाहाबाद मारकंडा में वर्ष 2018 में शिक्षा सत्र शुरु कर दिया जाएगा, लेकिन इस दिशा में कोई सार्थक प्रयास सामने आना तो दूर, अभी तक इस परियोजना के लिए एनओसी भी नहीं ली गई है। वे डेरा बाबा चरण सिंह कार सेवा में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। स. झींडा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 9 साल के कार्यकाल में तो एसजीपीसी के वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क यह दुखड़ा रोते रहे कि कांग्रेस सरकार मीरीपीरी संस्थान की एनओसी में रोड़े अटका रही है, जबकि मौजूदा भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज स्वयं अमृतसर जा कर इस संस्थान को एनओसी देने की पेशकश कर चुके हैं।
इतना ही नहीं, करीब एक वर्ष पूर्व आदेश मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी सार्वजनिक मंच से घोषणा की थी कि मीरी पीरी संस्थान को एनओसी देने के लिए सरकार तैयार है। स. झींडा ने मांग की कि एसजीपीसी इस पर श्वेत पत्र जारी करके हरियाणा की संगत को स्पष्ट करें कि मीरी पीरी संस्थान को एनओसी अभी तक क्यों नहीं मिली। एचएसजीएमसी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ने बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा हरियाण में धर्म प्रचार के लिए सिख मिशन हरियाणा (कुरुक्षेत्र) कार्यालय बनाया हुआ है। इसके तहत कविशरी व ढाडी जत्थे प्रचार कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें कोई भी जत्था हरियाणा का नहीं है।
सच तो यह है कि आज तक हरियाणा से किसी भी कविशरी या फिर ढाडी जत्थे की भर्ती ही नहीं की गई। उन्होंने खुलासा किया कि इस समय सिख मिशन हरियाणा में कार्यरत कविशरी जत्था गुरदासपुर (पंजाब) से है, जबकि ढाडी जत्थे भी पंजाब से संबंधित है। स. झीडा ने कहा कि यह सब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की भेदभावपूर्ण नीतियों को उजागर करता है, क्योंकि हरियाणा में भी शिक्षित और योग्यता को पूरी करने वाले ऐसे युवक हैं, जोकि हर तरह से ढाडी व कविशरी जत्थों की जिम्मेदारी बाखूबी निभा सकते हैं। जगदीश सिंह झींडा ने आरोप लगाया कि एसजीपीसी द्वारा हरियाणा में ऐसे व्यक्ति को धर्म प्रचार की कमान सौंपी गई है, जो पिछले एक साल में अपने परिवार को भी गुरसिख नहीं बना पाए।
– रामपाल शर्मा