घरौंडा : दिल्ली कूच करने से पहले ही किसानों को पुलिस ने धरदबोचा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार किसानों को आज गन्नौर के लिए रवाना होना था। किसानों के इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारियां कर रखी थी। दोपहर बाद जैसे ही ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर इलाके के किसान हाईवे के रास्ते दिल्ली की तरफ चले तो पुलिस ने घरौंडा व कोहंड के बीच किसानों को घेर लिया। जिला प्रशासन की मौजूदगी में भारी पुलिस बल से अपने आप को घिरा देख किसानों ने प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों का कहना था कि सरकार किसानों की मांग पूरी करें।
सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नही की जाएगी। भाकियू दिल्ली कूच को लेकर सुबह से ही पुलिस अलर्ट हो गई थी और शहर के सभी चौराहों पर तैनात थी। यहां तक की किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस व पुलिस गाडिय़ां तैनात हो गई थी। दोपहर के बाद भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता जीटी रोड स्थित गढ़ी मुल्तान चौंक पर एकत्रित हुए और उन्होंने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए नारेबाजी की। जीटी रोड पर किसानों के पहुंचनें की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी हरजिंदर सिंह दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों के साथ बातचीत शुरू की।
इसके बाद पुलिस ने किसान नेताओं के साथ यूनियन के सदस्यों को हिरासत में लिए और उनके ट्रैक्टर ट्राली अपने कब्जे में ले लिए। भाकियू जिला अध्यक्ष अजय राणा, किसान बिजेंद्र राणा, लैहणा सिंह, सुरेश कुमार, सोनू, आनंद, दलबीर आदि ने कहा कि सरकार किसानों को पूरी तरह से कर्ज मुक्त करें और अपने वायदों के अनुसार मोदी सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें। उन्होंने बताया कि सरकार कई सालों से किसानों की मांगों को लटका रही है। सरकार किसान विरोधी है। किसानों की मांग पूरी ही नही की जा रही है। जिसको लेकर किसान कई सालों से लड़ाई लड़ते आ रही है।
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