राजधानी दिल्ली से सटे गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में इसी स्कूल के आरोपी 11वीं के छात्र के फिंगर प्रिंट्स लेने की अनुमति केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) को मिल गई है।
मामले की जांच में जुटी सीबीआई ने जेजेबी में याचिका दाखिल करके मांग की थी कि इस मामले में गिरफ्तार नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चले। वहीं, छात्र को वयस्क के दायरे में रखा जाए या नहीं? इसके अलावा कई विषयों पर 15 दिसंबर को फिर बहस होगी।
बता दें कि आठ सितंबर को रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की गला रेतकर स्कूल के बाथरूम में हत्या कर दी गई थी। सीबीआइ ने 11वीं कक्षा के छात्र को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया है।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सीबीआई और नाबालिग आरोपी के वकील की दलीलें सुनने के बाद आठ दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
प्रद्युम्न ठाकुर के पिता वरुण ठाकुर ने भी जेजेबी में याचिका दाखिल करके मांगा की थी कि नाबालिग आरोपी छात्र पर एक व्यस्क की तरह केस की सुनवाई हो। क्योंकि उनके वकील ने दलील दी थी कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ बालिग की तरह मुकदमा चलना चाहिए।
आठ सितंबर को रेयान इंटरनेशनल स्कूल के बाथरूम में सात 7 साल के प्रद्युम्न हत्या की गई थी। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच करते हुए स्कूल बस के कंडेक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। पर जब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई तो उन्होंने खुलासा किया कि प्रद्युम्न की हत्या अशोक ने नहीं बल्कि स्कूल में ही पढ़ने वाले 11वीं के छात्र ने उसकी हत्या की थी।
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