चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामले में पुलिस को गायब हुईं सीसीटीवी फुटेज मिल गई हैं। पुलिस को पांच कैमरों की फूटेज मिली है, जिसमें बीजेपी नेता सुभाष बराला का बेटा विकास बराला पीड़ित लड़की वर्णिका का पीछा करता हुआ दिख रहा है। इससे पहले सोमवार को खबर आई थी कि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज गायब हैं और सीसीटीवी कैमरे खराब होने की आशंका है। उसके बाद देर रात पुलिस ने एक आफिशियल स्टेटमेंट में कहा कि उन्हें गायब हुईं फुटेज मिल गई हैं।
बता दें कि हरियाणा बीजेपी के मुखिया सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर आईएएस ऑफिसर की बेटी का पीछा करने के आरोप हैं। हरियाणा पुलिस ने सोमवार देर रात एक बयान जारी किया। जारी बयान में पुलिस ने उन सीसीटीवी फुटेज को बरामद कर लिया है जो कि उन रास्तों से जुड़े हैं जिन पर पीड़ित की कार का पीछा करते हुए देखा जा सकता है। इन सीसीटीवी फुटेज को इस पूरे केस में एक अहम सुबूत माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पुलिस पर आरोपी विकास बारला पर लगी धाराओं को बदलने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने बीजेपी नेता के बेटे के खिलाफ कमजोर धाराओं में केस दर्ज किया है। ऐसे में सवाल ये कि क्या बेटी की बजाए बीजेपी नेता के बिगड़ैल बेटे को बचाया जा रहा है?
बता दें कि जिस रात ये घटना हुई तब पुलिस ने आरोपी विकास बराला को गिरफ्तार तो किया लेकिन धाराएं ऐसी लगाई जिससे उसे आसानी से जमानत मिल गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 354 D यानी पीछा करने और 341 यानी किसी को जबरन रोकने की कोशिश जैसी हल्की और आसानी से जमानत मिल सकने वाली धाराएं लगाईं। पीड़ित लड़की वर्णिका ने अपनी शिकायत की शुरूआत इसी बात से की है कि लड़कों ने न सिर्फ उसके साथ छेड़छाड़ बल्कि उसका अपहरण करने की भी कोशिश की थी। पूरे मामले में पुलिस के रुख पर सवाल उठने की एक बड़ी वजह पुलिस अधिकारियों के बदलते बयान हैं।
इस मामले में क्या बोल रही है पार्टियां?
पुडुचेरी की राज्यपाल और पूर्व आईपीएस ऑफिसर किरन बेदी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, ‘इस पूरे मामले पर मेरी प्रतिक्रिया पूरी तरह से मीडिया कवरेज पर आधारित है। मेरा मानना है कि आरोपी को बिना जांच और पूछताछ के जमानत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए था। आरोपों की जांच के लिए उसे हिरासत में लेने की कोशिश करनी चाहिए थी। पुलिस को इस संवेदनशील मामले में एक किरदार से ज्यादा होना चाहिए था क्योंकि इसमें पीछा करने और अपहरण करने की कोशिशें हुई थीं।’
इस मामले में विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से आरोपी के पिता बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला पर कार्रवाई करने की मांग कर रही है। लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ इनकार कर दिया है।