चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि दादूपुर नलवी नहर डि-नोटिफाइड करने के हरियाणा सरकार के लिए गए निर्णय के फलस्वरूप जो किसान अधिगृहीत की गई जमीन वापिस लौटाएंगे उनसे मुआवजा राशि पर किसी प्रकार का ब्याज वापिस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान हित सरकार का सर्वोपरि हित है। शाहबाद – दादूपुर नलवी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति किसी भी हालत में नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी व श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में दादूपुर नलवी नहर की अधिसूचना रद्द करने के लिए गए निर्णय पर उनका आभार व्यक्त करने आए किसानों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्बे अध्ययन के बाद इस बात की पुष्टिï हुई की दादूपुर नलवी नहर किसान हित में नहीं बल्कि किसानों के नुकसान के लिए साबित हो रही है। इसलिए इसे डि-नोटिफाई करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि नहर के लिए 900 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गई थी जिसके लिए लगभग छ: लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया था। उन्होंने कहा कि वापिस की गई जमीन का उपयोग स्कूल, अस्पताल व अन्य विकास कार्यों के अलावा सिंचाई व वन विभाग पौधारोपण के लिए कर सकेंगे। मुख्यमंत्री आवास पर पहली बार पहुंचे कुछ किसानों के चेहरों पर खुशी से गद-गद मुख्यमंत्री ने उनसे सीधा संवाद भी किया।
उन्होंने कहा कि रजवाहों व माइनरों के न बनने से इस क्षेत्र में सिंचाई नहीं हो पाती थी और बारिश के समय खदरी व घाड़ क्षेत्र से आने वाला पानी इसमें बाढ़ का कारण बन रहा था। नहर से ईंजनों के माध्यम से पानी उठाकर सिंचाई की जाती थी परन्तु 2017 में अध्ययन करवाया तब पता लगा कि केवल 250 एकड़ में सिंचाई हुई है और आबियाना के रूप में केवल 1600 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। भू-जल रिचार्ज भी इस नदी के माध्यम से नहीं हो रहा था और मात्र बाढ़ का खतरा व यह नहर तमाशबीन बन कर रह गई थी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि जमीन वापिस करने के बाद इस क्षेत्र में चेतन नाला, राक्षी नाला, सरस्वती नदी व सढौरा नदी के पानी का उपयोग बड़ी पाइपलाइन डालकर प्रयोग सिंचाई के लिए हो इसके लिए योजना तैयार की जा रही है।
– (आहूजा)