चंडीगढ़ : गोवा के कैबिनेट मंत्री द्वारा हरियाणा को अपमानित करने के संबंध में जारी बयान को लेकर शुरू हुई सियासत लगातार गहराती जा रही है। विपक्ष की चौतरफा घेराबंदी के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी इस मामले में गंभीर हो गए हैं। जिसके चलते खट्टर ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई बल्कि उनके साथ फोन पर भी बातचीत की। गोवा के शहरी और देश नियोजन मंत्री विजय सरदेसाई ने उत्तर भारत के पर्यटकों पर गंदगी फैलाकर गोवा को हरियाणा बनाने का आरोप लगाया था।
विजय सरदेसाई ने बीते शुक्रवार को गोवा बिज फेस्ट में उत्तरी भारत के पर्यटकों को भारी बाढ़ जैसा बताते हुए कहा कि गंदगी फैलाकर गोवा को हरियाणा बनाने की कोशिश की जा रही है। हम गोवा को दूसरा गुरुग्राम नहीं बनने देना चाहते। गोवा फॉर्वड पार्टी के अध्यक्ष सरदेसाई यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और गुरुग्राम से आने वालों की प्रवृति सब कुछ हड़पने की है। गोवा के मंत्री के बयान के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर तथा इनेलो अध्यक्ष अशोक तंवर समेत कई नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार की घेराबंदी की थी। विपक्ष की बयानबाजी के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी आज इस मुद्दे पर गंभीर हो गए।
मुख्यमंत्री ने रविवार को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को अधिकारिक तौर पर पत्र लिखकर अपनी तरफ से आपत्ति दर्ज करवाई वहीं उनके साथ फोन पर बातचीत करके अपनी तरफ से रोष भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री खट्टर ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि मनोहर पर्रिकर ने अपने मंत्री के बयान पर खेद व्यक्त कर लिया है। खट्टर ने हरियाणा वासियों को संघर्ष एवं विकास का प्रतीक करार देते हुए कहा कि प्रदेश वासियों को अपमानित करने का अधिकार किसी को नहीं है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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(राजेश जैन)