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फसल नुकसान मुआवजे की बांट जोह रहे किसान

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बल्लभगढ़: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फरीदाबाद जिले से गेहूं में हुए नुक्सान के बारे में जिला उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को 343 किसानों ने शिकायत की थी। सबसे ज्यादा शिकायत गांव पन्हैड़ा कलां और डीग के किसानों ने की थी। विभाग ने किसानों की रिपोर्ट बनाकर फसल बीमा कंपनी को भेजी थी, लेकिन अभी तक किसी भी किसान को नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया। गौरतलब है कि रबी की फसल के मौसम में फरीदाबाद में गेहूं का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी ने जिले के 4500 किसानों का बीमा किया था। ज्यादातर किसानों में वे शामिल थे, जिन्होंने सहकारी व कृषि बैंकों से फसली ऋण लिया हुआ था या फिर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया हुआ था। इन किसानों की फसल का प्रीमियम रिलायंस बीमा कंपनी ने बैंकों से सीधा ले लिया था। गेहूं की फसल के पकाव के समय बारिश हुई थी। बारिश से गेहूं की फसल पूरी तरह से लेट गई थी।

किसानों ने अपनी फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए जिला उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सेक्टर-12 लघु सचिवालय कार्यालय में शिकायत की थी। कृषि अधिकारियों ने भी किसानों की शिकायत पर सर्वे करके अपनी रिपोर्ट बीमा कंपनी के पास भेज दी, लेकिन अभी तक किसी भी किसान को मुआवजा नहीं दिया। गांव छांयसा निवासी किसान संजय भाटी का कहना है कि हमने गेहूं की फसल में हुए नुकसान के बारे में जिला कृषि उपनिदेशक के कार्यालय में शिकायत दी थी, लेकिन नुकसान का एक रुपया भी मुआवजा नहीं मिला। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों से रुपये एकत्रित करने का एक साधन है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक आत्माराम गोदारा के अनुसार हमने सभी किसानों के नुकसान की फसल का सर्वे कराकर रिपोर्ट लिखित में बीमा कंपनी को भेज दी। बीमा कंपनी ने किसानों के नुकसान को मुआवजे के लिए उचित नहीं माना होगा, इसलिए मुआवजा भी नहीं दिया। वैसे अब बीमा कंपनी बदल गई है। पहले यहां पर रिलायंस बीमा कंपनी थी, अब यहां पर आइसीआइसीआइ बीमा कंपनी आ गई है।

– सुरेश बंसल

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