पानीपत: हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन द्वारा प्रदेश की सरकार के राष्ट्रीय कृषि बाजार के अंतर्गत ई ट्रेडिंग व डायरेक्ट पेमेंट लागू होने से आढतियों में रोष है ।आढतियों का कहना है कि सरकार के आश्वासन के बावजूद भी ई ट्रेडिंग व डायरेक्ट पेमेंट हरियाणा राज्य मार्केटिंग बोर्ड ने लागू कर दिया है जिससे सरकार के आदेश की अनुपालना नही हो रही हैं । आढतियों का कहना है कि अगर इसे वापस नहीं लिया सभी आढतियों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा इससे हरियाणा के लगभग 35 हजार व् 70 हजार मुनीम सड़क पर आ जाएंगे हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने सरकार के द्वारा जारी ई ट्रेडिंग में डायरेक्ट पेमेंट लागू करने के बाद सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन के बावजूद हरियाणा रा’य मार्केटिंग बोर्ड इन आदेशों को जारी कर चुका है अगर इस कानून को वापिस नही लिया गया तो हमे आंदोलन करने को मजबूर होना पढ़ेगा।
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन द्वारा सरकार के द्वारा जारी ई ट्रेडिंग डायरेक्ट पेमेंट लागू होने को लेकर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया आरती एसोसिएशन के प्रधान धर्मवीर मलिक का कहना है किसरकार किसानों से सीधे भुगतान की मांग कर रहा है जबकि किसान ने कभी भी सीधा भुगतान ई ट्रेडिंग की मांग नहीं की और ना ही इनको लेकर कोई आंदोलन किया गया पिछले 10 वर्षों में पंजाब में भी यह कामयाब नहीं हुई और ना ही लागू हुई ।उन्होंने कहा कि पंजाब ने हाई कोर्ट के माध्यम से किसानों को भुगतान करने की मांग की थी और हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए थे किसान को सीधे भुगतान किया जाए जिसके फलस्वरुप पूरे पंजाब प्रदेश में केवल दो किसानों को सरकार से सीधा भुगतान ले रहे हैं हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने कुरुक्षेत्र जिले में किसानों से सीधा पेमेंट बारे में मांगने के लिए फार्म भरवाए थे जिसमें केवल 20 किसानों ने सीधे भुगतान देने की इच्छा व्यक्त की थी उन्होंने कहा कि हरियाणा की मंडियों में लगभग 600 करोड रुपए 3 वर्षों से रुपए पड़े हैं जब की आढतियों ने किसानों का पूरा भुगतान कर दिया हैं। अत: ई ट्रेडिंग व डायरेक्ट पेमेंट विषय पर सरकार द्वारा विचार करें और इसे हरियाणा में लागू ना करें अगर सरकार ने जल्द से इसे वापस नहीं लिया तो हमें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिससे हजारों की संख्या में आढती व मुनिम सड़क पर आ जायेगे।
(राकेश कुमार)