सोहना: सीबीआई ने प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में आरोपी बनाए गए कक्षा 11वीं के छात्र के पिता को नोटिस भेजकर छात्र के जन्म प्रमाण पत्र से लेकर अन्य संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है और निर्देश दिए है कि छात्र के पिता सभी दस्तावेजों को सोमवार, 27 नवंबर को सीबीआई मुख्यालय में जमा कराए। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई ने सेक्शन-91 सीआरपीसी के तहत आरोपी छात्र का जन्म तिथि प्रमाण पत्र और 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र की मूल कापी मांगी है जबकि छात्र के पिता का कहना है कि जो दस्तावेज सीबीआई ने मांगे है, वह उनको पहले ही सौंप चुके है। पिता ने आरोप लगाया कि सीबीआई जान-बूझकर उनको परेशान कर रही है। जो दस्तावेज उन्होने सीबीआई को पहले ही सौंप दिए, उन्हे दोबारा मांगने का क्या औचित्य है।
ध्यान योग्य ये है कि सीबीआई ने 22 नवंबर को जुवेनाइल बोर्ड में अर्जी दी थी कि उसे छात्र के फिंगर प्रिंट लेने की अनुमति दी जाए। जिस पर 29 नवंबर को सुनवाई होनी है। सूत्रों की माने तो सीबीआई की फोरेंसिक टीम रेयान स्कूल के बाथरूम की दीवारों, कारिडोर की दीवार, छात्र के बैग और प्रधुम्न के बैग से मिले फिंगर प्रिंट को मैच करेगी। सीबीआई नही चाहती कि प्रद्युम्न हत्याकांड का हश्र भी आरूषि कांड की तरह हो। इसलिए सीबीआई प्रत्येक तथ्यों, साक्ष्यों और हालातों को ध्यान में रख अदालत में ठोस दलीलों और सबूतों के साथ अपना पक्ष रखना चाहती है।
इसलिए सीबीआई टीम एक-एक कड़ी को बारीकी से जोड़ जांच की दिशा में आगे बढ़ रही है। सूत्रों का मानना है कि जुवेनाइल बोर्ड की सदस्य सोमवार को 11वीं के छात्र की सामाजिक जांच रिपोर्ट जुवेनाइल बोर्ड में जमा करेगी। रिपोर्ट में छात्र से बातचीत का ब्यौरा होगा और छात्र के पड़ोसियोंसे पूछताछ और स्कूल की रिपोर्ट होगी। इसके बाद जुवेनाइल बोर्ड में बहस होगी कि छात्र पर बालिग की तरह ट्रायल चले या फिर जुवेनाइल की तर्ज पर। स्कूल से भी छात्र की रिपोर्ट जुवेनाइल सदस्य को दे दी गई है। यदि स्कूल टीचर की बातों पर यकीन किया जाए तो टीचर का कहना है कि छात्र शरारती था। हालांकि इस बारे में जब जुवेनाइल बोर्ड के सदस्य से जानकारी चाही गई तो उन्होने मामला अदालत में बताते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया।
इधर मासूम छात्र प्रद्युम्न के पिता वरूण ठाकुर का कहना है कि वह सोमवार, 27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में जाकर पिंटो परिवार को हाईकोर्ट से मिली जमानत को चुनौती देंगें। रविवार की देर शाम वरूण ठाकुर ने बताया कि वह सोमवार को अपने वकील के साथ रेयान स्कूल प्रबंधन वर्ग के ग्रेस पिंटो, रेयान पिंटो और अगेस्टन पिंटो की जमानत को खारिज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर रेयान स्कूल में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर मुकम्मल इंतजाम होते तो यह नौबत ना आती और आज उनका मासूम बेटा प्रद्युम्न उनकी गोद में खेलते हुए जिंदा होता। प्रद्युम्न मामले में रेयान स्कूल के मालिक भी उतने ही जिम्मेदार है, जितना कि हत्यारा। बता दें कि हाईकोर्ट से पिंटो परिवार को 20 नवंबर को जमानत मिली थी।
पुलिस की एसआईटी ने जांच-पड़ताल के दौरान पिंटो परिवार को जेजे एक्ट के तहत आरोपी बनाया था। काबिले गौर यह है कि सोहना के भौंड़सी गांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को कक्षा दूसरी के मासूम छात्र प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या कर दी गई। स्कूल में बच्चे की जिस जगह पर हत्या की गई, वहां का सीसीटीवी कैमरा खराब था। हत्यारा बच्चे को जान-बूझकर बाथरूम में ले गया और स्कूल पहुंचने के चंद मिनट बाद ही प्रद्युम्न का गला रेत दिया। प्रद्युम्न के पिता वरूण ठाकुर आज भी उन लम्हों को याद कर सिहर उठते है, जब वह प्रद्युम्न को स्कूल में छोडऩे के बाद घर पहुंच कर मोटरसाइकिल खड़ी कर रहे थे, तभी स्कूल से फोन आ गया कि जिसमें जानकारी दी गई कि बच्चे को चोट लगी है। बच्चा बाथरूम में खून से लथपथ मिला।
– उमेश गुप्ता