जींद: प्रदेश के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने माता बनभौरी धाम के श्रद्धालुओं को आश्वासन दिया है कि वे सरकारीकरण के पीछे की नीति को जानकर इसका समाधान निकालने का काम करेंगे। श्रद्धालुओं की आस्था आहत ना हो, इसके लिए वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे। वित्तमंत्री ने यह आश्वासन गुरूवार देर सायं पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाऊस में पहुंचे माता बनभौरी के सैंकड़ों श्रद्धालुओं को दिया। इन श्रद्धालुओं में नारनौंद, उचाना तथा जींद के सैंकड़ों लोग मौजूद थे। इस मौके पर नारनौंद हल्के से महावीर चेयरमैन, नन्हा खांडा, सुभाष नारनौंद, पहलवान, दयानंद शर्मा, होशियार, मंदिर ट्रस्ट चेयरमैन शिवकुमार कौशिक, ब्राह्मण सभा प्रधान भगवान दत्त, ओमनारायण सहित पहुंचे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने कहा कि लगभग 400 सालों से ब्राह्मण पुजारी इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।
400 वर्ष पूर्व गांव के आस-पास हिन्दू धर्म की रक्षा और मंदिर की स्थापना के लिए ब्राह्मणों के ये परिवार बनभौरी आएं थे। इस परिवार ने गांव की पंचायत के सहयोग से यहां मंदिर बनाया था। पंचायत ने 1863 में दोहली के रूप में यह जमीन ब्राह्मणों को दान में दी थी। उस समय ब्राह्मण परिवार के मुखिया ने दुर्गा माता की कच्ची मिट्टी की छोटी से मंढी बनाई और अपने धर्म के प्रचार में लग गए। ब्राह्मण परिवार ने अपने अथक प्रयासों और श्रद्धालुओं के सहयोग से इसे शक्तिपीठ धाम में स्थापित किया।
पूर्व की सरकार ने इस मंदिर पर अधिग्रहण की कार्रवाई की थी, किंतु उस समय श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए वह अधिग्रहण रद्द करना पड़ा। इस मंदिर के प्रांगण में परिवार के मुखिया ब्रह्मचारी महाराज की समाधि भी बनी हुई है और यहां देश-प्रदेश से लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। सामाजिक कार्यों में मंदिर से जुड़े इस परिवार ने तन-मन-धन से सहयोग किया है। सही व्यवस्था होने के कारण इस मंदिर में आज तक कोई व्यक्ति तो दूर किसी चींटी को भी चोट नहीं पहुंची है।
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– संजय शर्मा