रोहतक: सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रोहतक-महम-हांसी रेलवे लाइन की फाइल न मिल पाने और खो जाने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शुक्र है भगवान का कि उनके द्वारा भेजी गई फाइल मुख्यमंत्री को मिल गई है और उन्हें इस बात की खुशी है कि अब इस रेलवे लाइन का काम शुरू होने वाला है, लेकिन इससे पहले सरकार को लोगों से माफी मांगनी चाहिए कि साढे तीन साल से इस प्रोजेक्ट पर काम रोकने में देरी की गई। सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार चाहे भूमि पूजन करे या नारियल फोडे, लेकिन रोहतक-महम-हांसी रेलवे लाइन का काम अब बिना देरी किए तुरंत चालू करे।
उन्होंने कहा कि पिछले साढे तीन वर्षो से लंबित पड़ी इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाले जाने के विरोध में उन्होंने हांसी में और महम में धरना दिया था, ऐसा लगता है उन धरनों और लोगों के दबाव में सरकार ने अब इस रेलवे लाइन का काम शुरू करने का फैसला लिया है। सांसद ने कहा कि हकीकत यह है कि बडी मशक्कत के बाद उन्होंने स्वयं 577 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ रोहतक-महम-हांसी नयी रेलवे लाईन परियोजना को यूपीए सरकार के समय रेल बजट में केन्द्र सरकार से मंजूरी दिलवाई थी और उसके बाद 385 करोड़ रुपया आवंटित कराकर 28 जुलाई 2013 को इस परियोजना का तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खडग़े से हांसी में शिलान्यास कराकर प्रारम्भिक काम शुरु करा दिया था।
दीपेन्द्र ने सरकार पर एक नये पैसे का काम न करने और आम जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विकास और जनहित के नये काम मंजूर कराना तो दूर यूपीए सरकार के कार्यकाल में मंजूर करवाई गयी परियोजनाओं पर ही काम चालू नहीं हो पाया है और भाजपा सरकार तरह-तरह के बहाने ही बनाती रहती है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 3500 करोड की लागत से गोहाना में रेल कोच फैक्ट्री और रोहतक का रेलवे बाईपास का भी बजट मंजूर कराया गया था, लेकिन सरकार ने अभी तक इस प्रोजेक्ट को शुरू नहीं किया।
(मनमोहन कथूरिया)