चंडीगढ़ : हरियाणा का बजट पेश करने से पहले सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर गंभीर हो गई है। राज्य के हर किसान की जेब में प्रति एकड़ करीब एक लाख रुपये की आमदनी पहुंचाने की सरकार की मंशा है। इसके लिए सरकार टिंबर ट्रेल की पहाडिय़ों में ब्लू प्रिंट तैयार कर चुकी और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए हिसार में कम से कम सौ चुनींदा लोगों की गोलमेल कांफ्रेंस होगी। इस कांफ्रेस में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ समेत टाप के 33 किसान, इतने ही वैज्ञानिक और 33 अफसर मिलकर किसानों की आय बढ़ाने के तरीकों को सिरे चढ़ाएंगे। किसानों की आय बढ़ाने से जुड़े संबंधित विभागों के मंत्रियों और चेयरमैनों को भी 23 फरवरी को होने वाली गोलमेज कांफ्रेंस में बुलाया गया है।
इस कांफ्रेंस के दो बड़े सत्र होंगे। पहले सेशन में किसान, अधिकारी और वैज्ञानिक खुली चर्चा करेंगे तथा दूसरे सेशन में किसानों की आय बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। राज्य के करीब 15 लाख किसानों में मात्र 10 फीसदी ऐसे हैं, जिनकी प्रति एकड़ आय एक लाख रुपये अथवा इससे अधिक है। धान, सूरजमुखी और मक्की की फसल बोने वाले किसान एक लाख रुपये से अधिक, गेहूं और धान की फसल बोने वाले 75 हजार रुपये तथा धान के साथ मोटे अनाज पैदा करने वाले किसान प्रति एकड़ मात्र 50 हजार रुपये ही कमा पाते हैं। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में 23 फरवरी को होने वाली इस कांफ्रेंस में किसानों को बागवानी, मत्स्य पालन और पैरी अरबन खेती के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के अनुसार गोलमेल कांफ्रेंस के बाद 16 से 18 मार्च तक रोहतक में तीन दिवसीय एग्री लीडरशिप सम्मिट 2018 का आयोजन किया जाएगा। 2015 में गुरुग्राम में पहली सम्मिट हुई थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि हर दो साल में इस सम्मटि का आयोजन होगा, लेकिन किसानों को होने वाले फायदे के मद्देनजर इसे हर साल किया जा रहा है। सम्मटि में आठ सेशन होंगे, जिसमें किसानों को अपना ब्रांड बनाकर फसल बेचने के गुर सिखाए जाएंगे। सम्मटि को देश विदेश में व्यापक समर्थन मिला है, जिस कारण यह भारत के अहम कृषि मेले का रूप ले चुका है।
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(राजेश, आहूजा)