गुरुग्राम : फोर्टिस अस्पताल में मासूम बच्ची के मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर अस्पताल को लापरवाही का नोटिस थमा दिया है। अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। एक मासूम बच्ची की मौत और 27 लाख का बिल का परिवार के लोगों ने लगाया था आरोप। मामला इतना गर्माया था कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। साइबर सिटी का फोर्टिस अस्पताल विवादों में आ गया है। फोर्टिस की करतूत का खुलासा हुआ है। करतूस भी ऐसी कि अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत हो गई थी और अस्पताल प्रबंधन ने 27 लाख का बिल पीडि़त परिवार को थमा दिया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही मिली है। मामला 24 अप्रैल 2017 का है। फोर्टिस में एक डेढ़ वर्षीय बच्ची वंश को एंजाइम डेफिशियेंसी की बीमारी के कारण फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्ची का बोर्नमैरो ट्रांसप्लांट होना था। बच्ची की मौत होने पर पीडि़त परिवार ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग को दी थी। परिवार का आरोप था कि जिस रूप में वंश का बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट होना था वो रूम इंफेक्शन फ्री नहीं था जो बच्ची की मौत का कारण बना।
बताते चलें कि साइबर सिटी के फोर्टिस अस्पताल की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी डेंगू के लिए आई आद्दा की भी मौत लापरवाही की वजह से हुई थी। अब वंश का परिवार भी अस्पाताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में भी अस्पताल की करतूत का खुलासा हो गया है। अब देखना यह है कि सरकार और कानून ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कितनी कड़ी कार्रवाई करता है।
वंश के पिता संजीव कुमार शर्मा और चाचा दीपक का आरोप है कि अस्पताल के जिस रूम में वंश का इलाज चल रहा था वहां पर उसे इंफेक्शन हो गया और 15 मई को वंश की मौत हो गई थी। बच्ची के पिता ने वंश की मौत के लिए अस्पताल और डाक्टरों की लापरवाही को जिम्मेदार माना। संजीव शर्मा ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग को दी और बताया कि अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत हो गई और उपर से अस्पताल प्रबंधन ने 27 लाख रुपये बिल हमें थमा दिया इसकी जांच होनी चाहिए।
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– सतबीर भारद्वाज