लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

गीता का संदेश देश और काल से ऊपर है: कोविंद

NULL

कुरुक्षेत्र: देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि मैटिरियललिज्म और प्रतिस्पर्धा से घिरी, डिजीटल युग की युवा पीढी में तनाव, असुरक्षा और दुविधाएं बढ़ रही है। ऐसे में गीता उनके लिए आध्यात्मिक औषधि सिद्ध होगी। श्री कोविन्द शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में देश-विदेश से आए हुए लोगों कइो संबोधित कर रहे थे। महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि गीता का संदेश देश और काल से ऊपर है और प्राचीन काल के कृषि पर आधारित समाज से लेकर परवर्ती काल में वाणिज्य और उद्योग पर आधारित समाज तक और उसके भी बाद की नोलेज सोसायटी तक गीता की प्रासंगिकता हर युग में रही है और आगे भी बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में, पश्चिम में अमेरिका से लेकर पूर्व में जापान तक, योग की लोकप्रियता योगशास्त्र गीता की अंतर्राष्ट्रीय और युगातीत प्रासंगिकता को रेखांकित करती है। आज के डिजीटल युग में गीता के संदेश को पूरे विश्व में प्रसारित करना और भी आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि पूरी मानवता के लिए योगशास्त्र गीता अत्यंत उपयोगी है। विश्व समुदाय 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय सहजता और शीघ्रता के साथ इसीलिए कर पाया कि योग पूरी मानवता के कल्याण के लिए है। गीता पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक दीप स्तम्भ है।

अध्यात्म भारत की आत्मा है जो पूरे विश्व के लिए भारत का उपहार है। गीता भारतीय अध्यात्म का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध ग्रंथ है। राष्ट्रपति ने कहा कि महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण खंड को महाकवि वेदव्यास ने स्त्रीलिंग का चयन कर श्रीमद् भगवद्गीता कहा। इतने महान शब्द-शिल्पी ने स्त्रीलिंग का चयन, संभवत: मातृ-शक्ति की गरिमा को मान्यता देने की नीयत से ही किया होगा। इसे आज महिला सशक्तिकरण कहते हैं। इसी सोच के अनुरूप हरियाणा सरकार ने राज्य में स्त्री शक्ति को बढावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। वर्ष 2011 में हरियाणा में 1,000 लडकों की तुलना में 830 लडकियां ही हुआ करती थीं। जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढाओं अभियान की शुरुआत के बाद लड़कियों का यह अनुपात बढकर 937 हो गया है।

(रामपाल शर्मा)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

11 + ten =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।