चंडीगढ़: शहरी क्षेत्रों में सीवरों के अंदर जमा गाद के कारण होने वाली परेशानी को दूर करते हुए हरियाणा में तरल कचरा से भी ऊर्जा बनाने के विकल्प पर काम किया जाएगा। कजाकिस्तान दौरे के दौरान हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने इसकी प्रक्रिया को जाना और इस तकनीक को प्रदेश में भी लागू किए जाने पर बल दिया। कजाकिस्तान के शहर अल्माटी के सिमकेंट में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, विभाग के प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण, निदेशक शेखर विद्यार्थी, मुख्य अभियंता ओपी गोयल, एसई टी एल शर्मा के साथ जेवीएम ग्रुप से विनय माहेश्वरी ठोस कचरा की तरह तरल कचरा से भी ऊर्जा उत्पादन की तकनीक जानने के लिए संयंत्र पहुंचे। वहां ईकालाग ब्ल्यू एन्ड ग्रीन टेक्नोलॉजी के शेयर होल्डर होरोडेकी व उनकी टीम ने सीवरेज में एकत्रित गाद और तरल से मीथेन गैस को उच्च स्तर एकत्रित करते हुए बिजली उत्पादन करने की प्रक्रिया दिखाई।
उन्होंने बताया कि ठोस कचरे की भांति तरल कचरा विशेषकर सीवरेज गाद का निपटान वैश्विक स्तर पर बड़ी समस्या है, जिसके कारण भारत में भी इस तरल कचरे के निपटान के सीमित विकल्प हैं। इसपर मीथेन गैस प्लांट और तरल कचरे का प्रबंधन देखने के बाद शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने इसे बेहतर विकल्प बताते हुए कहा कि हरियाणा में इस विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए सरकार विचार करेगी। उन्होंने कहा कि ठोस कचरे के निस्तारण के लिए हरियाणा को 15 क्लस्टर में विभाजित करके तेजी से काम किया जा रहा है। सरकार सभी क्लस्टरों में कचरा से ऊर्जा, खाद और बायोगैस तैयार करने के संयंत्र विभिन्न क्लस्टर की आवश्यकतानुसार स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि अब पोलैंड और कजाकिस्तान दौरे के दौरान ठोस कचरा के साथ-साथ तरल कचरे के समाधान के लिए बेहतर तकनीक की जानकारी ली गई है, जिसका निश्चित तौर पर लाभ उठाते हुए प्रदेश के नागरिकों की परेशानी का समाधान किया जाएगा।
(राजेश जैन)